भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में रेत उत्खनन नियमानुसार हो, उत्खनन में अवैध रूप से लगाई गई मशीनों को तत्काल जप्त किया जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव संभागस्तरीय समीक्षा बैठक में हुए निर्णयों के पालन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, जे.एन कंसोटिया, राजेश राजौरा मनु श्रीवास्तव, अजीत केसरी, मलय श्रीवास्तव, के.सी. गुप्ता उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक चार माह में प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर इन्वेस्टर समिट आयोजित की जाएं। उन्होंने उज्जैन में हुई समिट के बाद जबलपुर प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संभागीय बैठकों के परिणाम स्वरूप हुए विकास कार्यों तथा अन्य जनकल्याणकारी गतिविधियों पर केंद्रित संभाग स्तरीय बुकलेट प्रकाशित कराई जाए।
बैठक में इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम्, रीवा और उज्जैन संभाग की बैठक में लिए गए निर्णय के क्रियांवयन पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आम आदमी को राहत, प्रदेश में विकास की प्रक्रिया को गति देने, जनसामान्य की समस्याओं को कम करने, प्रशासनिक और विभागीय दक्षता व क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तहसील, विकासखंड, जिलों और संभाग की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण किया जाना है। इस प्रक्रिया में जन भावनाओं और जनप्रतिनिधियों के विचारों को अवश्य शामिल किया जाए। दूरस्थ ग्रामों को निकटतम् जिला मुख्यालयों से जोड़ने, पुलिस कमिश्नरेट व जिला कलेक्टर की व्यवस्था में समन्वय, बड़े शहरों में मेट्रोपॉलिटन सिस्टम के प्रस्तावित क्रियान्वयन को भी इस प्रक्रिया में ध्यान में रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चल रही रेल परियोजनाएं समय-सीमा में पूर्ण हों, इस उद्देश्य से राज्य सरकार के विभाग रेलवे को हर संभव सहयोग प्रदान करें। प्रदेश में नए रेल रूट विकसित करने के प्रस्ताव भी तैयार किए जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ अंचलों को बड़े शहरों से जोड़ने, परस्पर दूरी कम करने व तेज गति से विकास के लिए नए एक्सप्रेस-वे की कार्य योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में महाविद्यालयों के समायोजन की आवश्यकता है, जहां मांग हो और पर्याप्त विद्यार्थी उपलब्ध हों, वहीं महाविद्यालय संचालित किए जाएं। आसपास के क्षेत्र के विद्यार्थियों को महाविद्यालय आने-जाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने प्रत्येक जिले में छोटा स्टेडियम विकसित करने के निर्देश भी दिए। डॉ. यादव ने कहा कि इन स्टेडियमों का उपयोग आवश्यकता होने पर हेलीपैड के रूप में भी किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिवपुरी मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रगति, प्रदेश से निकलने वाले वाराणसी-मुंबई कॉरिडोर के लिए संबंधित जिलों में लैंड बैंक बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से फसल चक्र को बनाए रखने के लिए चलाए जा रहे जन-जागृति अभियान के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त की।
बैठक में जानकारी दी गई कि संभाग स्तरीय बैठकों के परिणाम स्वरूप तहसील व जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय विकसित करने में मदद मिली है। उज्जैन और इंदौर के बीच विकसित होने वाले लॉजिस्टिक हब तथा वंडर एंटरटेनमेंट पार्क के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। शिवपुरी की सीवर लाइन स्वीकृत हो गई है। गुना रिंग रोड, अशोक नगर की पेयजल समस्या के समाधान सहित संभागीय बैठकों के परिणाम स्वरूप जिलों में समय सीमाओं में हुए विकास कार्यों व जन कल्याणकारी गतिविधियों की जानकारी दी गई। बैठक में प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव लोक निर्माण डीपी आहूजा, प्रमुख सचिव वित्त मनीष सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राघवेन्द्रकुमार सिंह, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग डॉ. ई. रमेश कुमार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।