नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने पूरी दमदारी से कहा है कि यदि मुस्लिम आरक्षण का विरोध और यूसीसी की बात करना धर्म आधारित प्रचार है तो हम ये प्रचार करते रहेंगे। शाह ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनकी पार्टी ने किसी भी प्रकार का धर्म आधारित कोई प्रचार अभियान नहीं चलाया है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमानों के आरक्षण के खिलाफ प्रचार करना और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मतदाताओं तक पहुंचना अगर धर्म आधारित चुनाव अभियान है तो बीजेपी ने यह किया है और आगे भी करती रहेगी। इस दौरान अमित शाह ने दो टूक कहा कि अगले टर्न यानी पांच साल के अंदर देशभर में यूसीसी लागू होगा। एक देश-एक चुनाव को लेकर भी ऐसा ही दावा किया।
शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 को समाप्त करना, देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करना, महिला आरक्षण या राम मंदिर निर्माण हमारी विचारधारा है। पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमारा है और इसका हमने संकल्प लिया है तो पीएम मोदी ने बीजेपी की विचारधारा को जमीन पर उतारा है। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता स्वाभाविक रूप से बीजेपी मजबूत बनती है। पीएम मोदी हमारे सबसे बड़े नेता हैं और यह कोई नकारात्मक वोट नहीं है। यह बात मानकर चलिए यह सकारात्मक वोट है। जहां हम सरकार में है वहां भी हमें जनादेश मिलने वाला है और जहां नहीं है वहां बड़ा जनादेश मिलने जा रहा है। ये एक प्रकार से केंद्र सरकार के कामों का सकारात्मक जनादेश है।शाह ने कहा कि अभी इनकी दो या तीन राज्यों में सरकारें हैं। वहां तो दे दें, जो कहा है। एक लाख की क्या बात करते हो, 1,500 रुपये चालू करो ना… कौन भरोसा करेगा भई। लोकसभा चुनाव में किन राज्यों में बीजेपी खासी बढ़त की उम्मीद कर रही है, इस संबंध में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उसे 24 से 30 सीटें और ओडिशा में 16 से 17 सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसका गठबंधन आंध्र प्रदेश में करीब 17 सीटें जीतेगा। तीनों राज्यों में लोकसभा की क्रमश: 42, 21 और 25 सीट हैं। शाह ने दावा किया कि ओडिशा विधानसभा में भाजपा को बहुमत मिलना तय है और उम्मीद है कि उसे 147 सदस्यीय विधानसभा में 75 सीटें मिलेंगी।