-आरटीओ कर्मचारियों के रूप में चंबल के डकैत
-आंध्र प्रदेश के निवासी ने मप्र के मुख्य सचिव सहित मीडिया को पत्र भेज बताई हकीकत,
-पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से छह गुना से अधिक की हो रही है अवैध वसूली
भोपाल : मप्र के कमाऊ विभागों में से एक परिवहन विभाग अवैध वसूली के लिए देशभर में कु यात हो गया है। समय-समय पर प्रदेश के चेकपोस्ट पर की जाने वाली अवैध वसूली चर्चा का केंद्र बनी रहती है। प्रदेश की चेकपोस्ट पर हो रही अवैध वसूली को रोकने की मांग लंबे समय से ट्रासपोर्टर कर रहे हैं। मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक पत्र लिख चुके हैं। इसके बाद भी चेकपोस्ट पर अवैध वसूली रूकने का नाम नहीं ले रही है। अवैध वसूली का एक और ताजा मामला सामने आया है जिसमें आंध्र प्रदेश के नेल्लोर निवासी ए.रमेश ने मु य सचिव को पत्र लिखकर चेकपोस्ट पर हो रही अवैध वसूली को शर्मनाक बताया है।
मप्र के चेकपोस्ट पर हो रही अवैध वसूली के खिलाफ अभी तक ट्रास्पोर्टर आवाज उठाते थे, लेकिन अब एक आम आदमी ने न केवल आवाज उठाई है, बल्कि उनका कहना है की चंबल के डकैतों की तरह आरटीओ के अधिकारी-कर्मचारी बार्डर के चेक पोस्ट पर काम कर रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं आंध्र प्रदेश राज्य के नेल्लोर शहर का निवासी हूं। मैंने अपने दोस्त के घर का सामान सुल्लुरपेटा से नई दिल्ली तक ले जाने के लिए ट्रक बुक किया था। सफर के दौरान मैं भी ट्रक में मौजूद था। पूरे सफर के दौरान मप्र में सबसे ज्यादा अवैध वसूली की गई।
आरटीओ कर्मचारियों के रूप में चंबल के डकैत
रमेश ने लिखा है कि उपरोक्त व्यय सूची की जांच करने के बाद मुझे लगा कि मध्य प्रदेश चंबल क्षेत्र के डकैतों को मध्य प्रदेश सडक़ परिवहन विभाग में सीमा आरटीओ कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था क्योंकि कुल मध्य प्रदेश सीमा आरटीओ चेक पोस्ट प्रवेश शुल्क व्यय राशि 1220 रुपये प्रति ट्रक थी। इसका मतलब है कि मैं ट्रक के लिए एमपी रोड टैक्स प्रति माह 1200 रुपये का भुगतान करता हूं और मैं प्रवेश शुल्क के बाद आरटीओ चेक का भुगतान करता हूं। रमेश का कहना है कि मध्य प्रदेश राज्य सरकार अभी भी आरटीओ बॉर्डर चेक पोस्ट पर राज्य सरकार के आरटीओ कर्मचारियों के रूप में चंबल क्षेत्र के डकैतों को क्यों जारी रखे हुए है? उन्होंने लिखा है कि मुझे मध्य प्रदेश सरकार पर शर्म आती है। उन्होंने लिखा है कि मध्य प्रदेश की सीमा के साथ-साथ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की सीमा पर भी वाहनों के अभिलेखों की जांच प्रक्रिया में बदलाव करें और ट्रक चालकों से अवैध वसूली बंद करें। इसका बोझ जनता को उठाना होगा। कृपया सीमा आरटीओ चेक पोस्ट पर चंबल डकैतों की सेवाएं बंद करें।
-उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक कोई शुल्क नहीं
रमेश बताते है कि तमिलनाडु बॉर्डर पर प्रवेश और निकासी शुल्क नहीं लिया गया। वहीं महाराष्ट्र में बॉर्डर पर प्रवेश शुल्क 200 रुपये और निकासी शुल्क 200 रुपये लिया गया। यानि महाराष्ट्र में कुल 400 रुपये लिए गए। वहीं उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बीच कोई शुल्क नहीं लिया गया।
कुल मिलकर मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शुल्क 2620 रुपये लिया गया। यह शुल्क बॉर्डर में प्रवेश और निकासी के दौरान लिया जा रहा है।
-अवैध वसूली की सूची
रमेश ने पत्र में अवैध वसूली की सूची जारी करते हुए लिखा है कि महाराष्ट्र से मप्र की सीमा में प्रवेश करते ही आरटीओ चेकपोस्ट पर वेइंग चार्जेज 100 रुपये, ट्रक का मंथली रोड टैक्स 1200 रुपये, आरटीओ ऑफिस एंट्री फीस 300 रुपये यानी कुल 1600 रुपये लिए गए। इसके बाद ललितपुर एग्जिट बॉर्डर पर वेइंग चार्जेज 100 रुपये, आरटीओ ऑफिस एंट्री फीस 300 रुपये, झांसी प्रवेश बॉर्डर पर आरटीओ ऑफिस एंट्री फीस 320 रुपये, ग्वालियर एग्जिट बॉर्डर आरटीओ चेकपोस्ट पर आरटीओ ऑफिस एंट्री फीस 300 रुपये वसूल की गई यानी पूरे सफर के दौरान मध्यप्रदेश में 2620 रुपये की वसूली की गई। रमेश ने लिखा है कि उपरोक्त व्यय सूची की जांच करने के बाद मुझे लगा कि मध्य प्रदेश चंबल क्षेत्र के डकैतों को मध्य प्रदेश सडक़ परिवहन विभाग में सीमा आरटीओ कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था, क्योंकि कुल मध्य प्रदेश सीमा आरटीओ चेक पोस्ट प्रवेश शुल्क व्यय राशि 1220 रूपए प्रति ट्रक थी। इसका मतलब है कि मैं ट्रक के लिए एमपी रोड टैक्स प्रतिमाह 1200 रुपये का भुगतान करता हूं और मैं प्रवेश शुल्क के बाद आरटीओ चेक का भुगतान करता हूं, नई दिल्ली की ओर एकल यात्रा के लिए मासिक रोड टैक्स से 1220 रुपये अधिक है।
अगर संबंधित व्यक्ति अवैध वसूली की शिकायत थाने में करता है तो हम उस पर कठोर कदम उठाएंगे।