बीजिंग। चीनी नौसेना ने हाल ही में एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेल गन का टेस्ट किया है। इसके द्वारा चीन ने हाइपरसोनिक गति से समताप मंडल में एक सटीक-गाइडेड गोला-बारूद लांच किया। इस टेस्ट में समताप मंडल में 15 किमी की ऊंचाई तक आवाज की रफ्तार से पांच गुना ज्यादा स्पीड (5 मैक) से एक स्मार्ट बम को फायर करना शामिल था। सफल लांच के बाद भी इस प्रयोग को असफल माना गया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि प्रोजेक्टाइल ने उस पथ का पालन नहीं किया, जो दिया गया था। अधिक सीमा और ऊंचाई दोनों डिजाइन मूल्यों से कम हो गईं।
स्मार्ट बम की ओर से जमीन पर वापस भेजे गए डेटा के विश्लेषण से टीम ने एक महत्वपूर्ण समस्या की पहचान की। टीम ने पाया कि लांच के दौरान प्रोजेक्टाइल बहुत तेजी से घूम रहा था, जिससे न चाहते हुए झुकाव हो रहा था। इस खोज से वैज्ञानिकों को रोटेशनल स्टीड लैचिंग नाम की एक तकनीकी बाधा का अहसास हुआ, जो रेल गन के इस्तेमाल के लिए बड़ी चुनौती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी शोधकर्ता समस्या का पता लगाने और एआई के जरिए उसका समाधान खोजने के लिए तैयार हैं।
चीन के इस प्रयोग का निष्कर्ष इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेल गन के संचालन में शामिल जटिलताओं पर प्रकाश डालता है। ये पारंपरिक भौतिक सिद्धांतों को खारिज करता है। शोधकर्ताओं की ओर से बताया गया कि चुनौतियों में एक लॉन्चिंग के दौरान प्रोजेक्टाइल को घूमने से रोकने की जरूरत है। हालांकि प्रयोग के फेल होने के बावजूद इस परीक्षण से मिले रिजल्ट चीन को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेल गन बनाने के प्रयासों की ओर बढ़ाएंगे। रेलगन असाधारण गति से प्रोजेक्टाइल को चलाने के लिए इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फोर्स पर काम करने वाला एक हथियार है। लंबे समय से लड़ाइयों में इसकी कल्पना की जाती रही है। प्रथम विश्व युद्ध से पहले फ्रांस के इंजीनियर आंद्रे लुइस ऑक्टेव फौचॉन-विलेप्ले ने 1879 में एक रेलगन की अवधारणा तैयार की थी।