मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी भारी बहुमत से सत्ता में वापसी कर रहे हैं…
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान हो चुका है। भाजपा का कहना है कि एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। वहीं विपक्षी गठबंधन दावा कर रहा है कि 4 जून को भाजपा की विदाई तय है। अब एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पूछा गया कि ‘अगर बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाती है तो क्या भाजपा के पास कोई प्लान बी है?’ इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि ‘प्लान बी तभी बनाया जाता है, जब प्लान ए के सफल होने की संभावाना 60 प्रतिशत से कम हो। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी भारी बहुमत से सत्ता में वापसी कर रहे हैं।
अमित शाह बोले- 60 करोड़ लाभार्थियों की सेना पीएम मोदी के साथ
अमित शाह से पूछा गया कि ‘अगर भाजपा 4 जून को 272 के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी तो क्या होगा?’ इस पर अमित शाह ने कहा ‘मुझे ऐसी कोई संभावना नहीं दिखती। 60 करोड़ लाभार्थियों की एक मजबूत सेना पीएम मोदी के साथ खड़ी है। उनकी कोई जाति या उम्र वर्ग नहीं है। जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है, वो जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी क्या हैं और क्यों 400 देना चाहिए।’
आरक्षण को लेकर चल रहीं चर्चाओं पर क्या बोले अमित शाह
विपक्ष का आरोप है कि सरकार बनने पर भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर अमित शाह ने कहा कि ‘हमने यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि जब तक भाजपा का एक भी सांसद है तब तक एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को कोई हाथ भी नहीं लगा सकता। नरेंद्र मोदी से बड़ा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का कोई समर्थक नहीं है।
अनुच्छेद 370 पर कही ये बात
अपनी सरकार की उपलब्धि की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘जो अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि कश्मीर में मतदान प्रतिशत 40 फीसदी को पार कर गया है और अनुच्छेद 370 हटाने की इससे बड़ी सफलता क्या हो सकती है। सभी कट्टरपंथी समूह और नेता मतदान कर रहे हैं। वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। पहले कश्मीर में चुनाव बहिष्कार के नारे लगते थे, लेकिन आज शांतिपूर्ण चुनाव हो रहे हैं।’ विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लेते हुए अमित शाह ने कहा INDI गठबंधन के सभी चरित्र मिलते-जुलते हैं, तभी वे साथ आए हैं। ये सभी पार्टियां वंशवादी राजनीति पर आधारित हैं। ये सभी अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की बात करती हैं और सभी तीन तलाक को भी वापस लाना चाहती हैं। ये सभी पार्टियां समान नागरिक संहिता और सीएए का विरोध करती हैं। ये भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं। इसलिए INDI गठबंधन की एक साझा संस्कृति है।