लंदन । मई-जून का महीना ऐसा होता है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है। आप कितनी भी कोशिश कर लें, लू के थपेड़ों से बचना नामुमकिन होता है। पारा 45-50 डिग्री तक पहुंच जाता है। हालांकि कुछ जगहें इस वक्त भी इतनी ठंडी होती हैं कि यहां आग जलाए रखना भी मुश्किल होता है। इन जगहों पर पारा माइनस से कई डिग्री नीचे खिसक जाता।
हम बात कर रहे हैं साउथ पोल यानि अंटार्टिका की। आपको भरोसा नहीं होगा लेकिन जून से लेकर अगस्त के महीने में जब हम पसीने से तर-बतर होते हैं, तब यहां तापमान -20 से -30 डिग्री फारेनहाइट के भी बीच होता है। इस मौसम में लोगों को यहां नहीं जाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि तेज-ठंडी हवाएं चलती रहती हैं और सूरज बिल्कुल भी नहीं दिखाता है। 24 घंटे अंधेरा बना रहता है और इंसान का खून तक जम जाने की स्थिति होती है।
इसके अलावा अर्जेंटीना भी ऐसा देश है, जहां जून से अगस्त तक तापमान गिरा हुआ रहता है। इस दौरान यहां 15-18 डिग्री सेल्सियस तक टेंपरेचर रहता है। मदागास्कर आइलैंड में भी जून महीने में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है। कई बार यहां 12 डिग्री सेल्सियस तक भी तापमान पहुंच जाता है। इसके अलावा न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ग्रीनलैंड में भी ठंड का माहौल होता है। वहीं पेरू, बोलीविया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ बीच पर जून-जुलाई के मौसम में तापमान 15-19 डिग्री के बीच होता है।