बीजिंग। चीन को फिंगर-4 में हुए संघर्ष के दौरान बेहतर सड़क कनेक्टिविटी और गाड़ियों/नावों की संख्या का लाभ मिला। इससे चीनी सैनिक संघर्ष वाली जगह पर जल्द पहुंच गए और अपने से कम संख्या में मौजूद भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। चीनी सैनिकों ने पहाड़ी की चोटी से कई भारतीय सैनिकों को धक्का दे दिया और उन पर पत्थर भी फेंके। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने भी लाठी-डंडों और पत्थरों से चीनी सैनिकों का मुकाबला किया और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। हालांकि, इस संघर्ष में कई भारतीय सैनिकों को गंभीर चोटें आईं। चीन ने 2020 में लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील के पास भारतीय सेना के साथ हुई झड़प का एक नया वीडियो जारी किया है। इस प्रॉपगैंडा वीडियो में चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों पर हमला करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो को पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 पर फिल्माया गया है।

वीडियो में चीनी सैनिकों के मुकाबले भारतीय सैनिकों की संख्या कम दिखाई दे रही है। इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों का मुकाबला किया। वीडियो में चीनी सेना की बोट, गाड़ियां और लाठी-शील्ड से लैस सैनिक दिखाई दे रहे हैं। ये सैनिक एक दूसरे पर पत्थरों से हमला करते नजर आ रहे हैं। पैंगोंग सो लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक लंबी, संकरी और गहरी झील है। यह चारों तरफ से जमीन से घिरी हुई है। यह झील रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों देश लगातार इस झील के आसपास के इलाकों में पेट्रोलिंग करते रहते हैं। 1962 में चीन ने इसी इलाके में भारत पर मुख्य हमला बोला था। पैंगोंग त्सो झील चुशुल अप्रोच के रास्ते में पड़ती है। ऐसे में चीन अगर भविष्य में कभी भारतीय क्षेत्र पर हमले की हिमाकत करता है तो चुशुल अप्रोच का इस्तेमाल करेगा क्योंकि इसका रणनीतिक महत्व है। पैंगोंग सो झील के उत्तर और दक्षिण की तरफ से चीन के आक्रमण की आशंका हमेशा बनी रहती है।पैंगोंग त्सो का दो तिहाई इलाका चीन के कब्जे में है। इस झील के किनारे उंगलियों की शक्ल में आठ पहाड़ियां निकली हुई हैं, इन्हें फिंगर्स के नाम से जाना जाता है। 2020 के पहले तक भारतीय सेना फिंगर-4 से फिंगर-8 तक पेट्रोनिंग करती थी।

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