भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में लोकसभा चुनाव की आठों सीटों की तुलना में कम मतदान होने पर प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में महिला वॉर रूम का जायजा लेने पहुंचे सीएम ने कहा- मैं तो अखाड़े का पहलवान हूं। सामने वाला हो तो मैं अपने दांव बताऊं। वहां कोई है ही नहीं, इसलिए तो मुसीबत आ रही है। सामने वाले ने मैदान ही छोड़ दिया। लेकिन, वहां से जो रिपोर्ट आ रही है उसके अनुसार इंदौर सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाली सीट में से एक होगी।

सीएम ने कहा कि यह देश का अलग प्रकार का अनुभव है। भारतीय जनता पार्टी के लिए महिला बहनों के लिए वॉर रूम बनाकर उनके माध्यम से हमारी चुनावी प्रक्रिया में इफेक्टिव लोगों से बातचीत कर रहे हैं। महिला जनप्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह, अलग-अलग श्रेणियां की बहनों को चुनाव के माध्यम से जोडऩे के लिए प्रयोग हुआ है। उसके लिए प्रदेश भाजपा की इकाई के अध्यक्ष और पूरे संगठन को बधाई देता हूं। मैं आश्चर्यचकित हूं कि जब यह सब करोगे तो कांग्रेस कहां बचेगी?

कांग्रेस ने महिलाओं की इज्जत उतारने का काम किया

सीएम ने कहा- इस बार और ज्यादा महत्व है क्योंकि, इस बार जिस ढंग से कांग्रेस ने बहनों के लिए गलत मानसिकता रखी उनकी इज्जत उतारने का काम किया। यह उनके लिए जवाब है। उनका काम वे करें लेकिन हम अपना काम कैसे कर सकते हैं। यह इस चुनाव में बताया। कांग्रेस ने जो – जो गलतियां की हैं बहनों के लिए कांग्रेस की ऐसी मानसिकता होती है। कांग्रेस के लोग तो इस तरह की कल्पना ही नहीं कर सकते। वे केवल निर्वाचन की बात कर सकते हैं। लेकिन, निर्वाचन के पीछे जो ताकत लगना चाहिए थी इसका वहां अभाव रहता है। भाजपा में यह देखने लायक है कि हमारी इतनी अच्छी योजनाओं को लेकर लोग लाभ ले सकते हैं इस तरह के बहुत सारे अभियान चलाते हैं।

बहनें पोलिंग बूथ संभाल रहीं हैं

निर्वाचन आयोग ने भी लागू कर दिया कि पोलिंग का पूरा काम बहनें संभाल रही हैं। चुनाव की व्यवस्था में केवल भाजपा ही है जिसने महिलाओं को स्थानीय निकायों के चुनाव में 50 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया है। अभी लोग ट्राइबल की बात करते हैं हमने झाबुआ और धार दोनों सीटें बहनों को दी हैं।

बिना किसी बड़ी घटना के चार चरणों के चुनाव हुए

मुख्यमंत्री ने कहा- चुनाव में पूरे प्रदेश में नवाचार हुए हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लॉटरी निकलना यह भी नवाचार है। पूरे देश के आंकड़े ले लो। मध्य प्रदेश निर्वाचन के आंकड़े ले लो। परसेंटेज बड़ा है। उम्मीद करता हूं कि बिना किसी बड़ी घटना निर्वाचन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है। सभी राजनीतिक दलों का आपस में कोई भयंकर कंट्रोवर्सी जैसी बाकी राज्यों में होती है ऐसी नहीं हुई। सरकार के साथ में किसी प्रकार की कोई बात नहीं हुई।

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