ओटावा। अलगाववादी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के केस में तीन भारतीयों की गिरफ्तारी के बाद पहली बार हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा ने चेतावनी दी है कि अलगाववादी ग्रुप बड़ी ‘रेड लाइन’ को पार कर रहे हैं। इसे भारत राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे के रूप में देखता है। उन्होंने हत्या के मामले को कनाडा के घरेलू अपराध से जोड़ा। वर्मा ने थिंकटैंक ‘मांट्रियल काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ से कहा, ‘भारतीय भारत की दशा तय करेंगे, विदेशी नहीं। भारतीय दूत ने कहा कि हालिया नकारात्मक घटनाक्रम के पीछे की गहरी समस्याएं दशकों पुराने मुद्दों के बारे में कनाडा की गलतफहमी से जुड़ी हैं। इन्हें फिर से उभरने के लिए वह भारतीय मूल के कनाडाई लोगों को दोषी मानते हैं।
संजय वर्मा ने कहा, ‘मुख्य चिंता कनाडा की भूमि से पैदा होने वाले राष्ट्रीय-सुरक्षा संबंधी खतरों को लेकर है। भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता, इसलिए जो कोई भी प्रवासी होता है उसे विदेशी माना जाता है। अगर मैं इसे ऐसे कह सकूं कि विदेशियों की भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर है। यह हमारे लिए एक बड़ी खतरे की रेखा है।’भारत और कनाडा के बीच संबंध कुल मिलाकर सकारात्मक हैं, भले ही उन्हें लेकर बहुत हंगामा हो रहा है। दोनों देश इस मुद्दे का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। हम किसी भी दिन बातचीत के लिए बैठने को तैयार हैं और हम ऐसा कर रहे हैं।’
संजय वर्मा ने भारत-कनाडा के बीच संबंधों में हो रहीं कई सकारात्मक चीजों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार की वार्षिक वैल्यू 26 बिलियन कनाडाई डॉलर है। पिछले 11 महीनों में कनाडा तक पहुंचने वाली भारतीय दवाओं में 21% की वृद्धि हुई है। मंगलवार को सिख फॉर जस्टिस ग्रुप ने भारतीय दूत का भाषण रद्द करने का आह्वान किया था। वहीं कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि हम इन आरोपों पर कायम हैं कि पिछले साल निज्जर की हत्या में भारत सरकार की मिलीभगत थी। जोली ने कहा कि उनका मकसद अभी भी भारत के साथ निजी तौर पर कूटनीति करना है। उन्होंने कहा कि वह मामले पर कोई नई टिप्पणी देने के बजाय पुलिस को जांच करने देंगी। जोली ने मंगलवार को कहा, ‘हम इस आरोप पर कायम हैं कि भारतीय एजेंटों ने कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या कर दी थी।’ पुलिस की जांच का जिक्र करते हुए जोली ने कहा, ‘पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है। मैं आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगी और हमारी सरकार का कोई अन्य अधिकारी भी कोई टिप्पणी नहीं करेगा।’ 18 जून, 2023 को एक गुरुद्वारे के बाहर एक कनाडाई नागरिक निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या से विरोध की लहर फैल गई थी। कुछ अलगाववादी तत्वों ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों के नाम लेकर धमकी दी थी। वहीं दूसरी तरफ अलगाववादी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन भारतीय नागरिकों पहली बार कनाडा की एक अदालत में पेश हुए। विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यह पेशी हुई। करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) को पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। खचाखच भरी अदालत में तीनों को अलग-अलग पेश किया गया। वे अपने वकीलों से सलाह-मशविरा करने के लिए वक्त दिए जाने की वजह से 21 मई तक मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने पर सहमत हुए। कनाडा का आरोप है कि ये लोग उस कथित ग्रुप के सदस्य हैं जिन्हें निज्जर की हत्या करने का काम सौंपा था।