मॉस्को। आज मंगलवार को 4 बार रूस के राष्ट्रपति का पद संभालने वाले व्लादिमीर पुतिन पांचवी बार मॉस्को में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे और एक बार फिर रूस की कमान संभालेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए रूस में 15 से 17 मार्च तक मतदान हुए थे। जिसके बाद 18 मार्च को चुनाव के नतीजे सामने आए थे, जिसमें पुतिन ने 87 प्रतिशत वोट हासिल कर एक बार फिर सत्ता हासिल की।

बता दें, रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है। जिसके शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता, सुरक्षा के लिए 52 शब्दों की शपथ लेते हैं। रूस के समय के अनुसार यह शपथ ग्रहण समारोह 12 बजे शुरू होगा जिस समय भारत में 2:30 बज रहे होंगे। रूस के राष्ट्रपति 52 शब्दों की शपथ लेते हैं। वो शपथ लेते हैं कि रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, मैं प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान और सुरक्षा करने की शपथ लेता हूं, रूस के संविधान का पालन करना और उसकी रक्षा करना, राज्य की संप्रभुता और स्वतंत्रता, सुरक्षा और अखंडता की रक्षा करना और लोगों की ईमानदारी से सेवा करना।

रूस के राष्ट्रपति के कर्तव्य को संविधान के अध्याय चार में बताया गया है। संविधान के अनुसार राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख और संविधान, नागरिक, मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का गारंटर होता है। वो रूस की संप्रभुता, स्वतंत्रता और अखंडता की रक्षा करने और राज्य की सत्ता के सभी निकायों के कामकाज और बातचीत को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है। राष्ट्रपति सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ होता है। बता दे कि अगस्त 1999 में उन्हें प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था। 31 दिसंबर 1999 को वो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। 26 मार्च 2000 को पुतिन रूस के राष्ट्रपति चुने गये और 7 मई 2000 को उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला। 14 मार्च 2004 को वो दूसरे कार्यकाल के लिए रूस के राष्ट्रपति चुने गये। 4 मार्च 2012 को वो रूस के राष्ट्रपति चुने गए और 7 मई 2012 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 18 मार्च, 2018 को उन्हें दोबारा रूस का राष्ट्रपति चुना गया था।

व्लादिमीर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को रूस के शहर लेनिनग्राद में हुआ था। साल 1975 में, उन्होंने लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी से कानून में ग्रेजुएशन की और बाद में उन्होंने इकोनॉमिक्स में पीएचडी की। 1985 से 1990 तक उन्होंने पूर्वी जर्मनी में काम किया। 1990 में, वो अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए जिम्मेदार लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी के रेक्टर के सहायक बन गए। उसके बाद वो लेनिनग्राद सिटी काउंसिल के अध्यक्ष के सलाहकार रहे। जून 1991 में, वो सेंट पीटर्सबर्ग सिटी काउंसिल की अंतर्राष्ट्रीय संबंध समिति के अध्यक्ष बने। अगस्त 1996 में, उन्हें राष्ट्रपति के प्रशासनिक निदेशालय (संपत्ति प्रबंधन निदेशालय) का उप प्रमुख नियुक्त किया गया। मार्च 1997 में, वो राष्ट्रपति (राष्ट्रपति प्रशासन) के कार्यकारी कार्यालय के उप प्रमुख बने। जुलाई 1998 में, उन्हें संघीय सुरक्षा सेवा का डायरेक्टर नियुक्त किया गया और मार्च 1999 तक वो सुरक्षा परिषद के सचिव रहे।

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