जो लोग आलोचना करते हैं, वे नहीं जानते कि हमारे पास शनिवार, विवार की भी छुट्टियां नहीं होतीं…

नई दिल्ली। देश का सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने बुधवार को वकीलों से आग्रह किया है कि वह कोर्ट की गर्मियों की छुट्टियों से पहले केस में बहस पूरी कर लें ताकि उस दौरान वह अपना जजमेंट लिख सकें। उन्होंने कहा है कि जजों के पास वीकेंड की भी छुट्टी नहीं होती है। वेकेशन के बारे मे तो भूल ही जाईये।

सुप्रीम कोर्ट में 18 मई से 7 जुलाई तक रहेंगी छुट्टियां

सुप्रीम कोर्ट में 18 मई से 7 जुलाई तक गर्मी की छुट्टियां रहेंगी। एक मुकदमे को कल के लिये स्थगित करते हुए, जिसमें पश्चिम बंगाल ने आरोप लगाया है कि सामान्य सहमति के बिना सीबीआई राज्य में मामलों की जांच कर रही है। जस्टिस गवई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा है कि अगर आप 3 दिनों में बहस पूरी कर लें हम गर्मी की छुट्टियों में जजमेंट लिख सकते हैं।

‘हमारे पास शनिवार और रविवार की भी छुट्टियां नहीं’

मेहता ने कहा, ‘जो लोग हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की लंबी छुट्टियों की आलोचना करते हैं, वे नहीं जानते कि जज कितना काम करते हैं.’ उन्हें जवाब देते हुए जस्टिस गवई ने कहा, ‘जो लोग आलोचना करते हैं, वे नहीं जानते कि हमारे पास शनिवार, रविवार की भी छुट्टियां नहीं होतीं।यहां तक कि समारोहों और सम्मेलनों के लिए भी हमें तैयारी करनी होती है. आईपैड का शुक्र है जिसकी वजह से हमें हर जगह फाइलें लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ती और फ्लाइट्स में भी हम पढ़ सकते हैं.।

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