ग्वालियर, 7 सितंबर। शहर के मुख्य डाकघर (GPO) में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटव मिलते ही ऑफिस बंद कर दिया गया था। इसके बाद पूरे कार्यालय का कोरोना टेस्ट भी कराया गया। जबकि महिला थाने में महीने भर में सात पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, लेकिन यहां ऑफिस लगातार खुला रहा। कोरोना की आमदोरफ्त जारी रहने से महिला थाने के कर्मचारी भय की छाया में सहमे से काम कर रहे हैं।
कोरोना के आंतंक की चपेट में महिला पुलिस थाना
ग्वालियर में अगस्त कोरोना जबरदस्त आक्रमण का शिकार हुआ। मानसून के मौसम में बारिश की बाढ़ तो नहीं आई, लेकिन हर महकमे में, हर गली मोहल्ले को-शहर भर को कोरोना मरीजो की बाढ़ ने चपेट में ले लिया है। ग्वालियर के महिला थाने में पिछले एक महीने के भीतर सात पुलिस कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके बावजूद लंबे अरसे तक यहां सैनिटाइजेशन ही नहीं कराया गया। जब कर्मचारियों में असंतोष फैला तो वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां सैनिटाइजेशन के निर्देश दिए।
दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारी कर रहे दहशत के साए में काम
कोरोना के आतंक से प्रभावित महिला पुलिस थाने के परिसर में ही महिलाओं से जुड़े मामलो के प्रभारी और नगर पुलिस अधीक्षक बहोड़ापुर का कार्यालय भी है। लिहाजा बड़ी संख्या में यहां लोगों की आवाजाही लगी रहती है। कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होने लगे तब भी कामकाज बंद करना तो दूर परिसर को सैनिटाइज कराने में लंबा अंतराल आ गया। परिसर में स्थित दोनों कार्यालयों के करीब दो दर्जन से भी ज्यादा कर्मचारी और एक FRV टीम काम तो कर रहे हैं, लेकिन दिल में डर बैठा हुआ है कि कोरोना का शिकार होने की कब किसकी बारी आ जाए।
सबसे पहले कांन्स्टेबल प्रिया तोमर कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, उसके बाद तो कतार लग गई। एक के बाद एक, ASI महेश मिश्रा, नरेश भदौरिया, हैडकांन्स्टेबल रामजीत राय, राजेंद्र राजावत और कांन्स्टेबल अरविंद शर्मा एवं सुनील भी कोरोना संक्रमित पाए गए। इतने पाजिटिव मरीज होने पर भी महिला थाने को बंद नहीं किया गया। अब यहां गिने-चुने कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है, हालांकि अब पिछले 3 दिनों से पूरे परिसर को लगातार सेनिटाइज कराया जा रहा है, साथ कर्मचारियों को भी पूरी एहतियात के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं।