देहरादून । उत्तराखंड औषधि विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने पंतजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस ‎निलं‎बित कर दिए हैं। प्राधिकरण की ओर से बकायदा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर इसकी सूचना दी गई। इस हलफनामे में साफ लिखा है कि दिव्‍य फार्मेसी द्वारा अब भी इन उत्पादों को लेकर विभिन्‍न सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर वर्तमान में भी भ्रामक विज्ञापन दिए जा रहे हैं। यह आदेश इस महीने की शुरुआत में औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के उल्लंघन में कंपनी के इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जारी किया गया है। इस आदेश में कंपनी को कहा गया है कि औषधि निरीक्षक/जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया है कि संबंधित फर्म द्वारा वांछित सूचना अंतिम तिथि तक उपलब्‍ध नहीं कराई गई तथा फर्म द्वारा दिया गया स्‍पष्‍टीकरण भी संतोषजनक नहीं है। लिहाजा इन औषधियों के निर्माणाज्ञा को ड्रग्‍स एवं कॉस्‍मेटिक एक्‍ट 1945 की धारा 159 (1) के प्राविधानुसार तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। दिव्‍य फॉर्मेसी को आदेश दिए गए हैं कि इन सभी उत्‍पादों के निर्माण को तत्‍काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए और योगों की मूल फॉर्मेशन शीट प्राधिकरण के समक्ष जमा कराई जाए। जिन 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं उनके नाम इस प्रकार हैं- श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्‍ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप इत्या‎दि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *