नई दिल्ली। बीते रोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। पीएम के इस बयान को लेकर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। विपक्षी की ओर से इसे घृणास्पद भाषण करार देते हुए कहा गया कि यह लोगों का ध्यान भटकाने की सोची-समझी चाल है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, आज मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में इंडिया जीत रहा है। मोदी जी ने जो कहा वो हेट स्पीच तो है ही, ध्यान भटकाने की एक सोची समझी चाल है। प्रधानमंत्री ने वही किया जो उन्हें संघ के संस्कारों में मिला है।

उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए झूठ बोलना, बातों का अनर्गल संदर्भ बनाकर विरोधियों पर झूठे आरोप मढ़ना यह संघ और भाजपा की प्रशिक्षण की खासियत है। मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि देश की 140 करोड़ जनता अब इस झूठ के झांसे में नहीं आने वाली। उन्होंने कहा, हमारा घोषणापत्र हर एक भारतीय के लिए है। सबकी बराबरी की बात करता है। सबके लिए न्याय की बात करता है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि कांग्रेस का न्याय पत्र सच की बुनियाद पर टिका है, पर लगता है तानाशाह की कुर्सी अब डगमगा रही है। भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को इतना नहीं गिराया, जितना मोदी जी ने गिराया है। उन्होंने कहा, मोदी जी, बाबासाहेब डॉ अंबेडकर व पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर से दिया गया सबको समान वोटिंग का अधिकार छीनना चाहते हैं। पीएम मोदी ने रव‍िवार को कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ये अर्बन नक्सल वाली सोच…. मेरी माताओं- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ये कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे। और उनको बांटेगे जिनके बारे में मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।

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