गुवाहाटी। चुनाव के बाद असम में न सिर्फ बहुविवाह प्रथा पर प्रतिबंध लगाएंगे, बल्कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भी लागू करेंगे। ये बात असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा एक इंटरव्यू के दौरान कही। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि तरक्की के रास्ते बंद करने वाली मदरसा शिक्षा से मुसलमानों का भला नहीं होने वाला। मुस्लिम बेटे-बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक बनाने की राह दिखानी होगी। इसके लिए उनकी तरक्की के रास्ते खोलने होंगे। मुस्लिमों से वोट नहीं मांगने के सवाल पर बोले- किससे वोट मांगना है…किससे नहीं…यह मेरा अधिकार है। मैं जब जानता हूं कि एक विशेष वर्ग वोट नहीं देगा, तो वहां जाकर वक्त बर्बाद क्यों करना। सीएम ने कहा कि कई राज्यों में सरकारें थीं। हम 2001 से 2014 तक असम सरकार में मंत्री रहे। 2014 में मोदीजी सत्ता में आए, तो कई लोगों को लगा कि जो हम लोग कर रहे हैं, वह रूटीन है। उससे देश में बदलाव नहीं आएगा। अगर देश में तरक्की चाहिए, नया काम चाहिए, तो बदलाव लाने वाला व्यक्ति चाहिए। जिसमें निर्णय लेने की क्षमता हो, जिस व्यक्ति के पास नई दिशा हो, उसके साथ मिलकर काम करना होगा। पूर्वोत्तर भारत पर पीएम मोदी का काफी ध्यान रहा है। हम भाजपा में आए, सरकार बनाई। राज्य में दो-दो बार सरकार बनाई, लोकसभा के दो चुनावों में हमारा अच्छा परिणाम रहा। अगर असम को देखें तो राज्य तरक्की के रास्ते पर निकल पड़ा है। 2014 के बाद यात्रा बहुत ही सफल रही है। तमाम अलगाववादी संगठनों ने हथियार डाले, चारों ओर विकास की गंगा बहने लगी। इससे हम बहुत ही संतुष्ट हैं। असम में हम वह करने में कामयाब रहे, जो जीवन में कभी सोचा भी नहीं था…इतनी शांति हो सकेगी, युवावस्था में भी नहीं सोचा था।