तेहरान । सीरिया के दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजराइली हमले को लेकर ईरान ने अपने दो दोस्तों की भूमिका पर ही सवाल उठाया है। ईरानी आम लोगों के बीच दमिश्क में आईआरजीसी अधिकारियों पर हमले के लिए इजराइल को खुफिया जानकारी देने में रूस और सीरिया की संभावित भागीदारी का शक है। दरअसल 1 अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले पर त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया के आह्वान के बीच ये अटकलें लग रही हैं। हालांकि ईरानी अधिकारियों और सैन्य कमांडरों ने फिर कहा हैं कि वह इस हमला का जवाब जरूर देगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, कई अरब मीडिया आउटलेट्स का दावा है कि अगर इजरायल हमास के साथ अपने संघर्ष में राफा पर हमला करने से पीछे हट जाता है, तब ईरान इजरायल से बदला लेने की बात को छोड़ सकता है। ईरानी अखबार के संपादकीय में पूछा गया है, रूस, जो सीरियाई हवाई क्षेत्र को नियंत्रित करता है, ईरानी ठिकानों पर हवाई हमलों को क्यों नहीं रोकता है। सीरिया पर सवाल उठाकर कहा गया है कि पिछले महीनों के दौरान सीरिया में ईरान को बहुत नुकसान हुआ है और यह निश्चित रूप से सीरिया के घुसपैठियों द्वारा किए गए देशद्रोह के कारण है। अखबार में इसका जिक्र है कि हिजबुल्लाह ने 7 अक्टूबर से इजरायली हवाई हमलों में मारे गए अपने सदस्यों के रूसी और सीरियाई खुफिया विभाग से संपर्क की बात स्वीकारी है। साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसी रिपोर्ट भी साझा की गई हैं जो कहती हैं कि सीरियाई अधिकारी चाहते हैं कि ईरान सीरिया छोड़ दें। संपादकीय में इस बात पर जोर दिया गया है कि ईरान की खुफिया और सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत किया जाए और भविष्य में इस तरह के दुखद नुकसान को रोकने के लिए इस ओर ज्यादा ध्यान दिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *