नई दिल्ली । पतंजलि के विवादित विज्ञापन केस को लेकर एक बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण द्वारा बिना शर्त माफी मांगने के लिए दायर किए गए हलफनामों को खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा कि वह ‘अदालत की अवमानना की कार्यवाही को हल्के में ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम आपके हलफनामे को स्वीकार करने से इंकार करते हैं। हम मानते हैं कि आपने जो कुछ भी किया है वह जानबूझकर किया है और साथ ही हमारे आदेशों का बार-बार उल्लंघन किया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि से कहा कि आपने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। इसकारण कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विवादित विज्ञापन केस में पतंजलि की तरफ से 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा जमा किया गया था। बेंच ने साफ कहा कि यह माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। इसके बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय की थी। इसके बाद, बाबा और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने 9 अप्रैल को एक और एफिडेविट फाइल किया। इस एफिडेविट में बाबा रामदेव ने अपनी गलती स्वीकार कर दुबारा नहीं करने का वादा किया था। आईएमए ने पतंजलि आयुर्वेद पर आरोप लगाए 2022 में आरोप लगाए थे कि रामदेव की कंपनी एलोपैथी मेडिकल प्रैक्टिस के खिलाफ गलत सूचना फैला रही थी। आईएमए की ओर से वकालत कर रहे सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था।

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