गाजा ।गाजा के दक्षिणी हिस्से के रफाह शहर में भी इजरायल ने अपनी रेड रोक दी है। बता दें कि मिस्र युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर समझौता कराने का प्रयास कर रहा है। जानकारों का कहना है कि इजरायल की सेना की वापसी के पीछे ईरान का डर भी हो सकता है। सीरिया में ईरान के दूतावास पर इजरायली हमले के बाद ईरान भी युद्ध की धमकी दे चुका है। वहीं रफाह बॉर्डर पर हमले और राहत के काम में जुटे लोगों पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव भी चरम र है। अमेरिका भी इजरायल से दूरी बनाता हुआ नजर आ रहा है। वहीं संभावना यह भी है कि इजरायल इन इलाकों में अपना अभियान पूरा कर चुका है इसलिए वह सैनिकों को वापस बुला रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने शनिवार को रातभर अपने सैनिकों की वापसी का अभियान चलाया। अब केवल एक ब्रिगेड ‘नाहल वर्तमान में गाजा पट्टी पर मौजूद है। नाहल ब्रिगेड को तथाकथित नेटजारिम गलियारे को सुरक्षित करने का काम सौंपा गया है, जो दक्षिणी इजरायल में बेरी क्षेत्र से गाजा पट्टी के तट तक तक जाता है। यह गलियारा इजरायली सेना को उत्तरी और मध्य गाजा में छापे मारने में सक्षम बनाता है और फलस्तीनियों को गाजा पट्टी के उत्तरी हिस्से में लौटने से रोकता है। यह मानवीय संगठनों को उत्तरी गाजा में सीधे सहायता पहुंचाने की अनुमति भी देता है। सैनिकों की यह वापसी ऐसे समय हुई है जब मिस्र युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के समझौते पर पहुंचने के उद्देश्य से नए दौर की वार्ता की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। हमास के खिलाफ युद्ध को रविवार को छह माह पूरे हो गए। इजरायली सेना ने गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और लेबनान में अपने अभियानों पर नया डाटा प्रकाशित किया। आंकड़ों के अनुसार, युद्ध की शुरुआत के बाद से गाजा पट्टी में इजरायली सेना ने 13 हजार से अधिक हमास आतंकियों और अन्य आतंकवादी समूहों के सदस्यों को मार गिराया। सेना ने हमास के पांच ब्रिगेड कमांडरों और 20 से अधिक बटालियन कमांडरों को भी मार डाला है। हमास के 100 से अधिक कंपनी कमांडर और समान रैंक वाले ऑपरेटिव भी मारे गए हैं। युद्ध की शुरुआत के बाद से गाजा पट्टी में लगभग 32,000 जगहों पर हमला किया गया है। इनमें से 3,600 से अधिक हमास के ठिकाने। इजरायली सेना ने लेबनान में 330 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें से 30 ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के कमांडर शामिल हैं।

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