नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज सोमवार को आयकर विभाग ने भरोसा दिलाया कि लोकसभा चुनाव का समय होने के चलते इन पैसों की रिकवरी को लेकर विभाग कोई करवाई नहीं करेगा। इसी के साथ आयकर विभाग के नोटिस मामले में कांग्रेस को कुछ दिनों के लिए राहत मिलती नजर आई है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि अभी चूंकि लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है, लिहाजा हम इन पैसों की रिकवरी को लेकर कोई करवाई नहीं करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने इस मामले में आज सुनवाई की। आयकर विभाग की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील रखी। अब इस मामले की सुनवाई अदालत 24 जुलाई को करेगी। आईटी की ओर से तुषार मेहता ने अदालत में कहा, कि हमनें 1700 करोड़ का नोटिस भेजा है, लेकिन लोकसभा चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने इसी के साथ ही मामले की सुनवाई जून महीने में करने की बात कहते हुए कहा कि तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा, कि क्या आपने जो डिमांड रखी है, उसे स्थगित कर रहे हैं? इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, कि नहीं हम बस ये कह रहे है की हम चुनाव तक कोई कार्रवाई नही करेंगे। आयकर विभाग ने स्पष्ट कहा कि इस मामले की सुनवाई जून के दूसरे हफ्ते में की जाए। फिर मांग चाहे 1700 करोड़ हो या 3500 करोड़, यह मामला यहां इस केस में लंबित नहीं हैं। सॉलिसिटर जनरल ने भरोसा दिलाया कि हमारा बयान रिकॉर्ड किया जाए या नहीं, हम चुनाव खत्म होने तक कांग्रेस के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे। वहीं कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह 3500 करोड़ रुपये की डिमांड है। इसके लिए सभी पर कार्रवाई ना हो। जहां तक मामले की बात है तो यहां बतलाते चलें कि लोकसभा चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग ने एक नया नोटिस जारी किया, जिसके जरिये आंकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार आयकर विभाग ने अभी तक कांग्रेस से कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग कर चुका है। ताजा नोटिस 2014-15 (663 करोड़ रुपये), 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये) और 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) से संबंधित बताया गया है। सूत्रों की मानें तो आयकर अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पार्टी पर कर लगाकर नोटिस थमा दिए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने शुक्रवार को ही कहा था कि उसे आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। इनकम टैक्स अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं। ऐसे में अदालत में आयकर विभाग का दिया गया बयान कि लोकसभा चुनाव तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, कांग्रेस के लिए बड़ी राहत बताई जा रही है।