मंदी की आशंका सबसे ज्यादा जर्मनी में 73, अमेरिका 45, जापान 15 रहने वाली है
भारतीय इकॉनमी लगातार बड़े देशों में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही इकॉनमी बनी हुई है। यही कारण है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य उज्जवल है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने वर्ल्डवाइड रिसेशन प्रोबेबिलिटी जारी की है। इसमें एक साल में देशों के लिए मंदी का अनुमान बताया गया है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया के कई विकसित देशों में मंदी की आहट है। इन देशों में अमेरिका, यूके, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश भी शामिल है।
भारत में मंदी की आशंका 0%
भारत की बात करें, तो यह इस लिस्ट में आखिरी स्थान पर है। भारत के लिए अगले एक साल में मंदी का अनुमान 0 फीसदी है। यानी भारत में मंदी आने की कोई आशंका नहीं है। लिस्ट में भारत से ऊपर इंडोनेशिया है, जहां मंदी की आशंका 2 फीसदी है। सऊदी अरब में मंदी की आशंका 10 फीसदी है। ब्राजील में भी मंदी का अनुमान 10 फीसदी है।
जर्मनी में मंदी की आशंका सबसे ज्यादा
अगले एक साल में मंदी की सबसे अधिक आशंका जर्मनी के लिए है। जर्मनी के लिए रिसेशन प्रोबेबिलिटी 73 फीसदी है। दूसरे नंबर पर इटली है। इटली के लिए रिसेशन प्रोबेबिलिटी 65 फीसदी है। तीसरा स्थान यूके है। यूके के लिए रिसेशन प्रोबेबिलिटी 53 फीसदी है। चौथा नंबर न्यूजीलैंड का है। न्यूजीलैंड के लिए मंदी की आशंका 50 फीसदी है। कनाडा के लिए भी यह अनुमान 50 फीसदी है।
अमेरिका में मंदी की आशंका 45%
इस लिस्ट में अमेरिका छठे स्थान पर है। अमेरिका के लिए मंदी की आशंका 45 फीसदी है। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह अनुमान 40 फीसदी है। फ्रांस के लिए मंदी की आशंका 35 फीसदी है। साउथ अफ्रीका के लिए यह अनुमान 30 फीसदी है। मैक्सिको में मंदी की आशंका 25 फीसदी है। स्विट्जरलैंड में मंदी की आशंका 20 फीसदी है। स्पेन के लिए यह अनुमान 15 फीसदी है। जापान, साउथ कोरिया और चीन के लिए भी यह अनुमान 15 फीसदी है।