वॉशिंगटन। एलन मस्क ने अपनी कंपनी न्यूरालिंक के जरिए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसमें एक लकवाग्रस्त शख्स ने कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित करते हुए सिर्फ विचारों के जरिए शतरंज का खेल खेला है। इससे जुड़ा एक वीडियो भी न्यूरोलिंक ने एक्स पर शेयर किया है। न्यूरालिंक डिवाइस सिक्के के आकार की होती है जिसका टेस्ट अभी चल रहा है। अगर यह कामयाब रहा तो एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। कई रिपोर्ट्स कहती हैं कि चिप के जरिए न्यूरालिंक लाएगा क्रांतिकारी बदलाव दृष्टिहीन लोग देख सकेंगे। एलन मस्क ने अपनी कंपनी न्यूरालिंक के जरिए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। इसके जरिए एक लकवाग्रस्त शख्स ने कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित कर सिर्फ विचारों के जरिए शतरंज का खेल खेला है। इससे जुड़ा एक वीडियो भी न्यूरोलिंक ने एक्स पर शेयर किया है। नोलैंड अर्बाघ (29) नाम का शख्स कंधों के नीचे से लकवाग्रस्त है। उसने न्यूरालिंक के वीडियो में कर्सर को दिमाग से कंट्रोल करने का दावा किया है। उसने कहा स्क्रीन पर वह कर्सर देख रहा है। वह मैं हूं सब दिमागी शक्ति है। 8 साल पहले एक भीषण हादसे में उनका शरीर कंधों के नीचे लकवाग्रस्त हो गया था। इसी साल जनवरी में उनके दिमाग में न्यूरालिंक चिप लगाई गई थी। नोलैंड अर्बाघ ने कहा कि उन्होंने हादसे के बाद गेम खेलना छोड़ दिया था लेकिन अब इसे वह एक बार फिर खेल सकते हैं। न्यूरालिंक को मस्क ने 2016 में एक मेडिकल रिसर्च इकाई के तौर पर स्थापित किया था। इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों का दुनिया के साथ चलने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी में एक परिष्कृत प्रत्यारोपण प्रक्रिया शामिल है जिसमें एक रोबोट दिमाग में धागे जैसा इलेक्ट्रोड डालता है। इससे तंत्रिका गतिविधि और कंप्यूटिंग उपकरओं के बीच संचार सक्षम होता है। अर्बाघ ने अपने सर्जरी के अनुभव को बेहद आसान बताया। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस दिन सर्जरी होती है उसी दिन घर वापस लौटा जा सकता है। अर्बाघ ने कहा कि वह न्यूरालिंक का हिस्सा बनकर खुद को भाग्यशाली समझते हैं। उन्होंने कहा कि हर रोज वह नई चीजें सीख रहे हैं। सितंबर 2023 में मस्क की ब्रेन-चिप कंपनी को ट्रायल की इजाजत मिली थी। यानी अब न्यूरालिंक इंसानों पर डिवाइस का ट्रायल कर सकेगा।