जिम्मेदारों की लापरवाही का फायदा उठाते हुए …
ग्वालियर। ग्वालियर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट माध्यमों से द्वारा लोग आसानी से सुविधाजना के तरीके से आवा-गमन कर सकें। इसी कांसेप्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्मार्ट सिटी के माध्यम से सूत्र बस सेवा की शुरुआत की थी। इस सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से सेवा प्रदाता ट्रांसपोर्टर का चयन किया गया था।
चयन प्रक्रिया तक तो सब ठीक रहा उसके बाद जब सर्विस देने की बारी आई तो ट्रांसपोर्टर, धर्मेंद्र ट्रैवल्स जिसे भिंड से सूत्र सेवा बस की सर्विस देने के लिए चयनित किया गया था। इसके लिए स्मार्ट सिटी द्वारा सर्व सुविधा युक्त 37 नई बसें चलाने के लिए इस अनुबंध किया गया था। इसके लिए फाइनेंस की व्यवस्था स्मार्ट सिटी के द्वारा वकायदा सब्सिडी के साथ ऑपरेटर को करवाई गई थी। इसके बावजूद ऑपरेटर के द्वारा केवल दो बसें चलाई गई बाकी की 35 बसें सिर्फ कागजों में सर्विस देते हुए दिखाई गई।
प्राइवेट बस ऑपरेटर भिंड के अध्यक्ष यदुवीर सिंह कुशवाहा और महामंत्री अशोक समाधिया आदि ने पत्रकारिता वार्ता के दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि भिंड इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड भिंड, सीएमओ नगर पालिका परिषद भिंड , धर्मेंद्र ट्रेवल्स लिमिटेड के बीच स्मार्ट सिटी बस सेवा के लिए 3 एग्रीमेंटमेंट किए गए थे, इस एग्रीमेंट के अनुसार तीन में चरणों 37 वर्षों को चलाने के लिए अनुबंध किया गया था, लेकिन धर्मेंद्र ट्रेवल्स ने एग्रीमेंट के बाद सिर्फ दो ही बस संचालित की । इसके बाद 2020 में 8 नई बसों की खरीदी दिखाई गई । इन बसों के बिना बॉडी के बिल जो कि चेसिस खरीदी के एक माह पूर्व ही कूट रचित तरीके से बने इन दस्तावेज के आधार पर बसों को रजिस्टर्ड कराया गया । और तो और भिंड भिंड आरटीओ ने बगैर किसी जांच पड़ताल के इन बच्चों को रजिस्टर्ड भी कर दिया। इसकी शिकायत ऑपरेटर यूनियन द्वारा तत्कालीन पर मैंने तो ग्वालियर से भी गई थी। जिसकी जांच तो कराई गई लेकिन कार्रवाई किसी पर अभी तक देखने को नहीं मिली है।
ये सनसनीखेज गंभीर आरोप प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के द्वारा शनिवार को एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सूत्र सेवा बस सर्विस देने के लिए जिम्मेदार धर्मेंद्र ट्रैवल्स पर लगाए। इन ऑपरेटर का कहना है कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है जिसमें करोड़ों रुपए की चपत स्मार्ट सिटी, धर्मेंद्र ट्रैवल्स भिंड,ट्रांसपोर्ट विभाग भिंड और सीएमओ नगर पालिका परिषद भिंड के अधिकारियों- कर्मचारियों द्वारा मिलकर शासन को लगाई गई ग्वालियर का आरटीओ विभाग भी इस मामले में छुट्टी साधे बैठे रहा। इस षड्यंत्र के माध्यम से सूत्र सेवा के ऑपरेटर द्वारा शासन से मिली करोड़ों रुपए की सब्सिडी का फायदा भी ले लिया गया है।
इन ऑपरेटर्स का कहना है कि कोरोना काल के दौरान 2020 में फर्जी तरीके से फर्जी बिलों के आधार पर बसों की खरीद दिखाई जाना, बसें खरीदे जाने से पहले बस बॉडीमेकर के द्वारा फर्जी बिल जारी कर दिया जाना और इन फर्जी बिल्स के आधार पर ही बसों की फिटनेस,बीमा के जारी हो जाना वह भी बिना किसी फिजिकल वेरिफिकेशन के, फर्जी तरीके से मात्र ₹2000 की रसीद कटवा करके उसे स्कैनिंग करके 7 हजार की बाता कर जारी करवा लेना। यह अपने आप में बहुत बड़ा घोटाला है इसके लिए जब इन लोगों के द्वारा स्मार्ट सिटी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय भिंड और ग्वालियर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के यहां शिकायत की गई , तब भी कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई । अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम पर केवल खाना पूर्ति करके गुमराह किया जाकर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी एवं ट्रांसपोर्ट विभाग की लचर कार्यप्रणाली की वजह से इन ऑपरेटर्स को अपनी बसें चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा सूत्र सेवा प्रदाता ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त कर दिए जाने के बाद भी प्राइवेट बस स्टैंड से उसके द्वारा इन रूट्स पर सूत्र सेवा के नाम पर इन बसों का संचालन किया जा रहा है जिसकी वजह से इन प्राइवेट ऑपरेटर को रोजाना हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान हरिशंकर पटेल, युधवीर सिंह कुशवाहा, अशोक समाधिया, बुद्धि सिंह कुशवाहा, अशोक सिंह आदि मौजूद रहे। इन सभी ऑपरेटर का कहना है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो यह सीधे शासन के मुखिया डॉक्टर मोहन सिंह यादव सिम मिलने का मूड बना रहे हैं।