वाशिंगटन । दुनिया भर के खगोलविदों की नजर 8 अप्रैल को होने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण पर बनी हुई है। ये सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास है। चंद्रमा के सबसे नजदीक होने के कारण ये 50 सालों का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जब आसमान में करीब 8 मिनट तक अंधेरा छा जाएगा। इस दौरान ग्रहण के क्षेत्र में मौजूद लोग पृथ्वी के करीब मौजूद बृहस्पति और शुक्र ग्रहों को सीधे देख सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों की दिलचस्पी सबसे ज्यादा शैतान धूमकेतु को लेकर है, जो सूर्यग्रहण के दौरान नजर आने वाला है। आधिकारिक तौर पर पी12 के नाम से जाने वाले वाले इस धूमकेतु को शैतान धूमकेतु नाम इसकी शक्ल के चलते दिया गया है। पिछले साल इस धूमकेतु में एक विस्फोट हुआ था, जिसके बाद इसमें गैस और बर्फ के दो निशान बन गए थे, जो शैतान की सींग की तरह से नजर आते हैं। फिलहाल शैतानी शक्ल वाले धूमकेतु को उत्तरी गोलार्ध से दूरबीन की मदद से देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सूर्यग्रहण के दौरा सूर्य के करीब होने के चलते इस नंगी आंखों से भी लोग देख सकते हैं।
आंतरिक सौर मंडल से होकर गुजरने वाला ये धूमकेतु अप्रैल के मध्य में सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु पर होता है। नासा के अनुसार, ये खगोलीय पिंड सौर मंडल के निर्माण के दौरान जमा हुए अवशेष हैं। ये पिंड बहुत विशाल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए धूमकेतु पी12 आकार में एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना बड़ा है। सूरज की रोशनी और सौर विकिरण धूमकेतु के कोर को गर्म करता रहता है, जिससे कभी-कभी इसमें विस्फोट हो जाता है, जैसा की धूमकेतु पी12 के साथ हुआ है। शैतान धूमकेतु को शाम के समय उत्तरी गोलार्ध से पश्चिम-उत्तर क्षितिज की ओर दूरबीन से की मदद से देखा जा सकता है। अप्रैल के अंत तक इसके देखने की उम्मीद है।