नई दिल्ली । इसे सरकारों की अनदेखी कहें या प्रशासन की लापरवाही… दिल्ली को एक बार फिर से विश्व स्तर पर सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 2023 में यहां पीएम 2.5 का औसत वार्षिक स्तर 102.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकार्ड किया गया है, जो उसे दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनाता है। 2022 में यह आंकड़ा 92.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। मतलब इस दौरान दिल्ली के प्रदूषण में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, भारत 2023 में वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे प्रदूषित देश रहा है, पड़ोसी बांग्लादेश पहले, पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। रीजन एंड सिटी पीएम 2.5 रैकिंग के अनुसार, दिल्ली 2018 से लगातार चौथी बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में रही है। 2022 में यह तीसरे नंबर पर थी, लेकिन इस वर्ष फिर से पहले नंबर पर आ गई। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023 में यह भी अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोग पीएम 2.5 की उच्च सांद्रता की चपेट में हैं, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित वार्षिक स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 83 भारत के रहे हैं। बेगूसराय पिछले साल दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था। आइक्यू एयर रैंकिंग में बेगूसराय के बाद गुवाहाटी, दिल्ली और मुल्लानपुर (पाकिस्तान) आते हैं।
2022 की रिपोर्ट में 131 देशों के 7,323 स्थानों का डाटा शामिल था। 2023 में ये संख्या बढ़कर 134 देशों में 7,812 स्थानों तक पहुंच गई। वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल दुनिया भर में अनुमानित 70 लाख की असामयिक मौतों के लिए यही जिम्मेदार है। विशेषज्ञों के अनुसार पीएम 2.5 वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से कई स्वास्थ्य परेशानियां पैदा होती हैं और बिगड़ जाती हैं। इनमें अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।