SC ने केंद्र सरकार को 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा…

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के मुद्दे पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगडा झटका लगा है। देश की सबसे बडी अदालत ने सीएए के खिलाफ दायर 200 से अधिक याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटि जारी कर 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को तय की। बता दें कि इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूडए न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है। सीएए को भारत की संसद ने 11 दिसंबर 2019 को पारित किया था। यह कानून व्यापक बहस और विरोध का विषय रहा है।

सीएए, 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करता है। यह कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले उन प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो अपने संबंधित देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हैं और 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं। पिछले हफ्ते, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आईयूएमएल की याचिका का उल्लेख करते हुए कहा था कि चुनाव नजदीक हैं. सीएए संसद से पारित होने के चार साल बाद इसके नियमों को ऐसे समय अधिसूचित करना सरकार की मंशा को संदिग्ध बनाता है।

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