एक हजार रुपये तक का हो सकता है अर्थदंड…
भोपाल। चुनाव में प्रत्याशी और राजनीतिक दल प्रचार-प्रसार के लिए अलग-अलग माध्यमों का उपयोग करते हैं। इसमें एक दीवार लेखन और पोस्टर लगाना भी शामिल है। इसके लिए निर्वाचन नियमों के अनुसार पहले अनुमति लेनी होती है। यह निर्वाचन कार्यालय द्वारा आवेदन करने पर दी जाती है। इसका उल्लंघन करने पर मध्य प्रदेश संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 के प्रविधान अनुसार कार्रवाई की जाती है। इसमें प्रविधान है कि संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिह्नित करके उसे विरूपित करेगा, उसे दंडित किया जाएगा। अर्थदंड एक हजार रुपये तक का हो सकता है।
इसके अलावा अनाधिकृत सामग्री को हटाने या मिटाने पर जो व्यय होगा, वह संबंधितों से वसूल किया जा सकता है। शासकीय या निजी सभी भवन संरचना, चौराहे, नोटिस बोर्ड, रेलवे प्लेटफार्म, सर्वसाधारण की सूचना का नोटिस बोर्ड, बिजली या टेलीफोन के खंबे आदि पर बिना अनुमति के नारे लिखना या लिखवाना, झंडा लगवाना, बैनर फ्लैक्स टांगना, प्रतीक चिन्ह बनाना या लगाना भी संपत्ति विरूपण की परिधि में आता है। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही ऐसे सभी स्थानों से प्रचार सामग्री हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।