प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च 2011-12 की तुलना में हुआ 2022-23 में दोगुना से अधिक 

नई दिल्ली। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने कहा कि नए घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि भारत का गरीबी स्तर 5 प्रतिशत से नीचे गिर गया है और ग्रामीण व शहरी, दोनों क्षेत्रों में लोग अधिक समृद्ध हो रहे हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा जारी ‎किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च 2011-12 की तुलना में 2022-23 में दोगुना से अधिक हो गया है, जो देश में समृद्धि के बढ़ते स्तर को दर्शाता है।

नीति आयोग के सीईओ सुब्रमण्यम ने कहा ‎कि उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण सरकार द्वारा उठाए गए गरीबी उन्मूलन उपायों की सफलता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में जनसंख्या को 20 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया और आंकड़ों से पता चला कि सभी श्रेणियों के लिए औसत प्रति व्यक्ति मासिक व्यय ग्रामीण क्षेत्रों में 3,773 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 6,459 रुपये है। निचले 0-5 प्रतिशत वर्ग का औसत प्रति व्यक्ति मासिक व्यय ग्रामीण क्षेत्रों में 1,373 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 2,001 रुपये आंका गया है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा ‎कि अगर हम गरीबी रेखा को लें और इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के साथ आज की दर तक बढ़ाएं, तो हम देखेंगे कि सबसे निचले 0-5 प्रतिशत वर्ग की औसत खपत लगभग समान है। इसका मतलब है कि देश में गरीबी केवल 0-5 प्रतिशत समूह में है। उन्होंने कहा ‎कि यह मेरा आकलन है, लेकिन अर्थशास्त्री अब इसका विश्‍लेषण करेंगे और सही आंकड़े सामने लाएंगे। एनएसएसओ का अनुमान 1.55 लाख ग्रामीण परिवारों और 1.07 लाख शहरी परिवारों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है।

अब भोजन की चिंता से ऊपर उठे नागरिक, लग्जरी पर भी करने लगे ख़र्च

एनएसएसओ सर्वेक्षण देश में ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों के कुल खर्च में अनाज और भोजन की खपत की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय गिरावट का भी संकेत देता है। इसका मतलब है कि लोग अतिरिक्त आय के साथ समृद्ध हो रहे हैं। इस बढ़ी हुई समृद्धि के साथ वे भोजन के अलावा अन्य चीजों पर अधिक खर्च कर रहे हैं। सुब्रमण्यम ने यह भी कहा ‎कि सीपीआई मुद्रास्फीर्ति में भोजन का योगदान कम होगा और शायद पहले के वर्षों में भी कम था। यानी कि मुद्रास्फीति को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा था और शायद कम है, क्योंकि मुद्रास्फीति में भोजन का प्रमुख योगदान रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *