-हर बार सूर्य ग्रहण एक जैसा ही लगे, ये जरुरी नही

वॉशिंगटन । अगले महीने 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगेगा जिसका अमेरिका में अदभुत नजारा देखने को मिलेगा। ऐसा नहीं है कि हर जगह सूर्य ग्रहण एक जैसा दिखे या फिर हर बार सूर्य ग्रहण एक जैसा ही लगे। क्योंकि सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का लगता है। कुल, आंशिक और वलयाकार। पूर्ण सूर्य ग्रहण सबसे अधिक प्रभावशाली होते हैं, जो सूर्य को पूरी तरह से ढक देते हैं। संपूर्णता के दौरान जिस क्षेत्र में यह होता है, वहां अंधेरा हो जाता है। इस दौरान आसमान में सूर्य का कोरोना दिखाई देता है, जो इस ग्रहण को देखने वालों को एक मनोरम दृश्य देता है। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण कोरोना देखने के लिहाज से काफी अच्छा है। क्योंकि यह वह समय है जब सूर्य अपने उच्चतम गतिविधि पर है। वैज्ञानिक देखना चाहते हैं कि आखिर इस दौरान सूर्य का कोरोना कैसा दिखेगा? आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है। इस दौरान पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश एक अर्धचंद्राकार टुकड़े में दिखाई देता है। हालांकि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण जितना नाटकीय नहीं होता। लेकिन फिर भी आंशिक ग्रहण आकाश में एक आकर्षक झलक देता है और बड़ी संख्या में दर्शकों को दिखाई देता है। वहीं अगर वलयाकार सूर्य ग्रहण की बात करें तो यह रिंग ऑफ फायर कहलाता है। यह तब होता है, जब आसमान में सूर्य से छोटा चंद्रमा दिखाई दे। इस कारण यह सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता और आसमान में एक छल्ला दिखाई देता है। सूर्य ग्रहण अनुमान से कहीं ज्यादा सामान्य है, लेकिन वे शायद ही कभी एक ही स्थान पर घटित होते हैं। आम तौर पर पृथ्वी पर हर तीन साल में लगभग दो पूर्ण सूर्य ग्रहण होते हैं। लेकिन उनकी छाया लगभग 80 किमी चौड़ी होती है। औसतन पृथ्वी पर एक ही जगह हर चार सौ वर्ष में दो पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देते हैं। 8 अप्रैल को अमेरिका में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, जो मैक्सिको से शुरू होगा और कनाडा तक जाएगा। भारत में यह नहीं दिखेगा, लेकिन इसका लाइव स्ट्रीम देखा जा सकता है। बता दें कि सूर्य ग्रहण सबसे अनोखी खगोलीय घटनाओं में से एक है। यह तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजर रहा हो। इससे चंद्रमा की छाया बनती है जो पृथ्वी पर पड़ती है। जहां यह छाया पड़ती है, वहां दिन में भी रात जैसा नजारा देखने को मिलता है।

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