12 आरोपी बरी, दो की हो चुकी है मौत

भोपाल । देश भर में चर्चित 10 साल पुराने व्यापमं महाघोटाले में शामिल आरोपियो को विशेष सीबीआइ अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा से दण्डित किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सुनाया है। यह फर्जीवाड़ा पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2013 से जुड़ा है, तत्कालीन समय में 21 आरोपियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें सात आरोपियो को सजा सुनाई गई है, जबकि 12 आरोपियो को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। वहीं दो आरोपियो की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार व्यापमं द्वारा साल 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा (प्रथम) 7 अप्रैल 2013 को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में पॉच उम्मीदवारों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा ने अपनी जगह अन्य सॉल्वरो को परीक्षा में बैठाकर लिखित परीक्षा पास की थी। इन सॉल्वरो को दलालों की मिलीभगत से बैठाया गया था। परीक्षा में मुकेश रावत के स्थान पर सुनील श्रीवास्तव, अजब सिंह के स्थान पर अवधेश गोस्वामी, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा के स्थान पर अज्ञात आरोपियो ने परीक्षा दी थी। बाद में पांचों उम्मीदवार पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 प्रथम में पास हो गए थे। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर 21 लोगो के खिलाफ मामला कायम किया गया था। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक की और से 75 गवाहों, लगभग 410 दस्तावेजों सहित कई अन्य साक्ष्य कोर्ट में पेश किये गये। इन सभी साक्ष्यो के आधार पर कोर्ट ने 5 अभ्यर्थियों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी, आशीष शर्मा, सहित दोनो सॉल्वरो सुनील श्रीवास्तव और अवधेश गोस्वामी को सात-सात साल के कारावास की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किये जाने का फैसला सुनाया है।

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