-महापौर जाने के बाद महाकौशल में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका
भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वालों का सिलसिला कुछ यूं शुरु हुआ है मानों समंदन में कोई जहाज डूब रहा हो और चूहे लगातार पानी में कूद रहे हैं। दरअसल मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से आज सुबह फिर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर के भाजपा में शामिल होने का समाचार है। एक दिन पूर्व ही महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने दल-बल के साथ भाजपा का दामन थाम कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया। कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर शहर में बाबा भैया के नाम से भी पहचाने जाते हैं और काफी नाम है, ऐसे में उनका भाजपा की सदस्यता लेना कहीं न कहीं महाकौशल में कांग्रेस को कमजोर करने जैसा है। पूर्व महाधिवक्ता शेखर आज विधायक एवं पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक और जबलपुर महापौर जगत बहादुर के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीजेपी की विधिवत सदस्यता ले ली। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कांग्रेस के लोगों को तोड़ने में महाकोशल के प्रमुख नेता विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक का अहम रोल है। गौरतलब है कि बीजेपी ने विधायक संजय पाठक को नवीन सदस्य अभियान का प्रदेश सह संयोजक बनाया है। जहां तक अधिवक्ता शशांक शेखर की बात है तो वो वकीलों को संगठित करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होनें करीब 10 हजार वकीलों को एकजुट कर जबलपुर में एक बड़ा अधिवक्ता सम्मेलन आयोजित किया था। इस कारण कहा जा रहा है कि शशांक के भाजपा में जाने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। एक जानकारी अनुसार अधिवक्ता शेखर का नाम हाईकोर्ट मजिस्ट्रेट पैनल में भी शामिल था, लेकिन उन्होनें जनसेवा को प्राथमिकता दी है और अब उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस प्रकार कांग्रेसियों को तोड़ कर अपने पाले में मिलाने का जो अभियान भाजपा ने चला रखा है, उसके चलते महाकौशल में बुधवार को जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह, डिंडौरी के जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अंजू जितेंद्र व्योहार समेत कांग्रेस के अनेक कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा है और लोग यही कह रहे हैं कि ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोई समुद्री जहाज डूब रहा है और चूहे उछल-उछल कर जहाज से पानी में कूद रहे हैं।