– इस साल रिजर्व बैंक का फोकस महंगाई घटाने पर रहेगा

नई दिल्‍ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को अपनी द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रेपो रेट को एक बार 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह लगातार छठी बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस साल रिजर्व बैंक का फोकस महंगाई को घटाने पर रहेगा। उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर रखने को प्रतिबद्ध है। गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है, एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है, दूसरी ओर मुद्रास्फीति में कमी आई है। साथ ही अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत रखा है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 8 फरवरी, 2023 को रेपो रेट को 25 आधार अंक (बीपीएस) या 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) कमर्शियल बैंकों को ऋण देता है। मौजूदा रेपो रेट 6.50 फीसदी है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकार और सेंट्रल बैंक के प्रयासों से महंगाई दर में कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2024 में रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी रहेगा। इससे पहले ‎विशेषज्ञों ने अनुमान जताया था कि सेंट्रल बैंक मॉनेटरी पॉलिसी में पॉलिसी रेट में शायद ही कोई बदलाव करे, क्योंकि खुदरा महंगाई अब भी संतोषजनक दायरे के ऊपरी स्तर के करीब है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *