भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों के लिए कौरवों से सिर्फ पांच गांव मांगे थे…
नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए अयोध्या, मथुरा और काशी के मुद्दों पर विपक्षी दलों के रवैये पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, उसी तरह यहां सिर्फ तीन स्थलों की बात की गई थी। ये तीनों विशिष्ट स्थल हैं। कोई सामान्य स्थल नहीं हैं। ईश्वर के अवतरण की धरती हैं लेकिन एक जिद थी और जिद में राजनीतिक तड़का लगे और वोट बैंक की प्रवृत्ति हो तो ही विवाद खड़ा होता है।
करीब 1:50 घंटे के अपने संबोधन में योगी ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को भी अयोध्या के मुद्दे पर जमकर घेरा। योगी न केवल पूर्ववर्ती सपा सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाए बल्कि महाभारत का उद्धृण करते हुए चाचा शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश के रिश्तों पर कई बार तीखे तंज भी कसे। सीएम योगी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा तो महाभारत युद्ध तो होना ही होना था। यहां भी वोट बैंक के लिए हमारी संस्कृति और आस्था को रौंदने वाले का किया गया, जिसे अब देश स्वीकार नहीं करेगा।
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को इस सदी की सबसे बड़ी घटना की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहिए था लेकिन वह भटकाते ही रहे। तथ्यों और तर्कों से ही नहीं वह अपनी बातों को जबरन थोपने पर तुले रहे। योगी ने कहा कि महर्षि वेद व्यास ने पांच हजार वर्ष पहले अपनी व्यथा व्यक्त की थी कि वह लोगों को यह समझाते रहे कि धर्म से ही अर्थ और काम की प्राप्ति होती है तो क्यों नहीं धर्म के मार्ग पर चलते हो। यह महर्षि वेद व्यास की ही पीड़ा नहीं थी, वर्ष 2014 से पहले पूरे देश की भी यही पीड़ा थी। उन्होंने अखिलेश पर हमला करते हुए कहा कि जिन्होंने प्रदेश में चार-चार बार राज किया, उन्होंने प्रदेश की पहचान का संकट पैदा कर दिया था।
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को में पहली बार अयोध्या, काशी और मथुरा तीनों विवादों का जिक्र किया और कहा कि अयोध्या में उत्सव सबने देखा तो नंदी बाबा ने बगैर इंतजार किए बैरिकेडिंग तोड़वा डाली और मेरे कृष्ण कहां शांत बैठने वाले। मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय क्षण बताया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को वह पूरी दुनिया के लिए अन्द्भुत क्षण था। भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ। योगी ने कहा कि प्रसन्नता है कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया। जो कहा सो किया, जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि भी हुई।