आईएनएस सुमित्रा पर अदन की खाड़ी में तैनात है भारतीय नौसेना…
अरब सागर में भारतीय नौसेना का पराक्रम फिर देखने को मिला. इंडियन नेवी ने पिछले 24 घंटे में अरब सागर में दो जहाजों को लुटेरों से बचा लिया. इतना ही नहीं नौसेना ने एक जहाज से 19 पाकिस्तानी और दूसरे ईरानी जहाज से 17 क्रू मेंबर्स को रेस्क्यू किया है. भारतीय नौसेना ने 28 और 29 जनवरी को अरब सागर में दो जहाजों को हाईजैक होने से बचाया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नेवी ने युद्धपोत ने रविवार को पहले ईरान के जहाज FB Iran को अपहरण होने से बचाया. इसके बाद अरब सागर में ही स्पेशल ऑपरेशन चलाकर अल नईमी नाम के जहाज को सोमालिया के लुटेरों से बचाया. इस ऑपरेशन में भारत के मरीन कमांडोज ने हिस्सा लिया. समाचार एजेंसी के मुताबिक, INS सुमित्रा ने दूसरे सफल एंटी पाइरेसी ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में 19 क्रू मेंबर्स और जहाज को हथियारों से लैस सोमाली समुद्री लुटेरों से बचाया. नौसेना अधिकारियों का कहना है कि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती रोधी अभियानों पर तैनात उसके जहाज सभी नाविकों की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
5 जनवरी को एक और जहाज छुड़ाया था
यह पहली बार नहीं है कि भारतीय नौसेना ने सोमाली समुद्री डाकुओं की ओर से निशाना बनाए गए मछली पकड़ने वाले जहाजों को छुड़ाया है. इससे पहले 5 जनवरी को आईएनएस चेन्नई ने सोमालिया के तट से एक जहाज के चालक दल को सफलतापूर्वक छुड़ाया और उसमें सवार सभी 15 भारतीय नागरिकों को बचाया था. 15 भारतीय चालक दल के सदस्यों ने मालवाहक जहाज एमवी लीला नोरफोक को समुद्री डाकुओं से छुड़ाया था. यह अभियान मरीन कमांडो (MARCOS) की ओर से चलाया गया था.
इस वजह से एक्टिव हुई है भारतीय नौसेना
हाल ही में भारतीय नौसेना ने लगातार होते डाकुओं के हमले में अरब सागर की निगरानी तेज कर दी है. इस सप्ताह नौसेना ने उत्तर और मध्य अरब सागर में मछली पकड़ने वाले जहाजों और अन्य जहाजों पर सवार लोगों की व्यापक जांच करने की बात कही थी. दरअसल, इजरायल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हौथी आतंकवादियों के बढ़ते हमलों के कारण नौसेना ने अपनी सतर्कता बढ़ाई है.
भारत के जहाज को भी पिछले साल बनाया था निशाना
23 दिसंबर को 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों को ले जा रहे लाइबेरिया के ध्वज वाले एमवी केम प्लूटो पर भारत के पश्चिमी तट पर एक ड्रोन से हमला किया गया था. भारत के रास्ते में आने वाले एक अन्य कमर्शल तेल टैंकर को उसी दिन दक्षिणी लाल सागर में एक संदिग्ध ड्रोन हमले का सामना करना पड़ा, जिसमें 25 भारतीय चालक दल के सदस्यों की एक टीम सवार थी. इसके अतिरिक्त, 14 दिसंबर को एक अन्य घटना में समुद्री डाकुओं ने माल्टा-ध्वज वाले एमवी रुएन का अपहरण कर लिया था.