-पु‎‎तिन का अब बदला मन, गोल्ड माइन्स से भरा अलास्का वापस मांगा

मास्को। एक समय था जब रूस ने अपनी सोने की खदानें अमे‎रिका को कौड़ियों के मोल दे दी थी, ले‎किन अब पु‎तिन का मन बदल रहा है और गोल्ड माइन्स से भरा अलास्का वापस मांगा जा रहा है। बता दें ‎कि अमेरिका और रूस की दुश्मनी को लेकर अक्सर कयास लगते रहते हैं कि शायद तीसरा विश्व युद्ध इन्हीं के चलते हो। दोनों में ऐसी जंग है कि वे अलग-अलग देशों को अपने पाले में लेकर टीम बड़ी करने की कोशिश करते रहते हैं। वहीं एक समय वो था जब रूस ने अमेरिका को अपना राज्य बेच दिया। अब गोल्ड माइन्स से भरा हुआ अलास्का अमे‎रिका के पास है। अब ले‎किन पुतिन ने यूएस से अपना अलास्का वापस मांग लिया। पहाड़ों, घने जंगलों और बर्फीले इलाकों वाले अलास्का में सोने के भंडार भरे पड़े हैं।

दरअसल यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के ऑफिस ऑफ द हिस्टोरिन में भी इस खरीदी-बिक्री की बात है। इसके मुताबिक साढ़े तीन सौ साल पहले रूस में पीटर द ग्रेट का शासन था। उन्होंने देश का विस्तार का जिम्मा लिया और अपने एक आदमी वाइटस बेरिंग को इसके लिए नियुक्त कर दिया। बेरिंग नौसेना के साथ घूमते हुए अमेरिका के उत्तरी हिस्से की ओर पहुंचे। ये अलास्का था। तब सोने और पेट्रोलियम का तो पता नहीं चला, लेकिन जंगली इलाके में बेरिंग और साथियों ने खूब शिकार किया और जानवरों की खाल लेकर देश लौटे। ठंडे देश में इससे खूब कमाई हुई। अलास्का में तब एस्किमो नाम की जनजाति रहती थी। ये रूस से लड़ाई में वे मारे गए। बाकी आबादी भी बाहरी लोगों के संपर्क से आई बीमारियों में लगभग खत्म हो गई। रूस अलास्का पर खुलकर शासन करने लगा।

इसी बीच 19वीं सदी में क्रीमिया की लड़ाई छिड़ी। रूस और फ्रांस के बीच छिड़ी लड़ाई में ब्रिटेन और ऑटोमन साम्राज्य ने भी रूस का विरोध किया। चारों ओर से हुए वार में रूस पस्त पड़ गया। इस बीच अलास्का पर खर्च करना भारी लगने लगा। ये मेनलैंड से काफी दूर था। तत्कालीन रूसी सम्राट अलेक्जेंडर ने तय किया कि वो इस खर्चीले हिस्से को किसी देश को बेच देगा और उन पैसों से अपनी इकनॉमी सुधारेगा। अब अमेरिका ने विदेश नीति के तहत अलास्का को वो खरीद का तय ‎किया। रूस को इसके बदले में 7.2 मिलियन डॉलर की वैल्यू जितना गोल्ड मिला, जो उस समय उसके लिए सबसे जरूरी था। जमीन के ‎हिसाब से यह 50 पैसे प्र‎ति एकड़ा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *