नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत की यात्रा पर है। यात्रा के पहले दिन उन्होंने जयपुर में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो किया और दूसरे दिन 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुए 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इसके बाद देश में सूफी संस्कृति के 700 वर्ष पुराने केंद्र में रात पौने दस बजे पहुंचे और आधे घंटे से अधिक समय तक वहां पर रहे। यह दरगाह प्रसिद्ध सूफी संत निजामुद्दीन औलिया और उनके शिष्य अमीर खुसरो की कब्र है। उन्होंने वहां कव्वाली सुनी। शनिवार को मैक्रों का भारत दौरा खत्म हो गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इससे पहले राष्ट्रपति भवन में अपने फ्रांसीसी समकक्ष मैक्रों का स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया। द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों देशों के नेताओं का एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस परेड और समारोहों में सम्मानित अतिथि बनना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह हमारी दोस्ती की गहराई और हमारी साझेदारी की ताकत का प्रतीक है।फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि वह साल 2018 में अपनी राजकीय यात्रा के 5 साल बाद फिर से भारत में हैं। उन्होंने कहा कि वह जी 20 की सफलता के 5 महीने बाद भारत आए हैं। मैक्रों ने कहा कि वह इस तरह के कार्यक्रम का हिस्सा बनकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। ये बेहद महत्वपूर्ण, अनोखा दिन है। हमारे सैनिक आपके साथ हैं और इस असाधारण क्षण का हिस्सा हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को जयपुर में एक भव्य रोड शो किया। ये रोड शो जंतर-मंतर से शुरू हुआ और सांगानेरी गेट तक चला। इस दौरान रोड शो देखने को लोगों को हुजूम उमड़ा। लोगों ने पीएम मोदी और मैक्रों के ऊपर फूल भी बरसाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मैक्रों को राम मंदिर का मॉडल गिफ्ट किया और एक दुकान पर मसाला चाय भी पिलाई। दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने गुरुवार को भारत पहुंचे। पूर्व से निर्धारित कार्यक्रमों के मद्देनजर वह जयपुर पहुंचे, जहां राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने मैक्रों का स्वागत किया। यहां मैक्रों ने आमेर किला, जंतर मंतर वेधशाला और हवा महल का दौरा।