पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की हुई समीक्षा

पंचायत राज में पंचायतों के सशक्तिकरण के लिये जरूरी है कि उनकी आमदनी के स्रोत वे स्वयं जनरेट करें। पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंत्रालय में विभागीय समीक्षा करते हुए यह बात कही। उन्होंने पंचायतों के सशक्तिकरण के लिये किये गये कार्यों की जानकारी प्राप्त की। बैठक में पंचायतों को आत्म-निर्भर बनाने के सभी प्रयासों पर भी चर्चा हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री पटेल ने कहा कि पंचायतों में आय के बेहतर स्रोत सृजित हो सकते हैं। पंचायतों में मौजूद परिसम्पत्तियों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो। इनका उपयोग कर रोजगार के साधन तैयार किये जा सकते हैं, जिनसे पंचायतों को आमदनी हो। मंत्री पटेल ने विभिन्न नगरों और शहरों की सीमाओं से जुड़ी हुई पंचायतों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिये।

मंत्री पटेल ने ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में पंचायतों को सशक्त बनाने को कहा है। उन्होंने पंचायतों में इसके लिये मौजूदा संसाधनों को अपग्रेड करने को भी कहा है। मंत्री पटेल ने कहा कि पंचायतों में ही ग्रामीणों को आधार, आयुष्मान और डिजी लॉकर के अतिरिक्त और कौन सी सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं या हमें देना चाहिये और जो हम नहीं दे पा रहे, उसकी पड़ताल कर दिक्कतों को दूर करें। ग्रामीणों को पंचायत में ही सुविधाओं संबंधी समस्त जानकारी और सहयोग मिलने चाहिये। पंचायत में आने के बाद अन्य किसी स्थान पर जाने की जरूरत नहीं होनी चाहिये।

मंत्री पटेल ने मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण केन्द्रों के अपग्रेडेशन के लिये निर्देश दिये। उन्होंने प्रशिक्षण केन्द्रों के परिसरों, प्रशिक्षकों, प्रशिक्षणार्थियों और प्रशिक्षण केन्द्रों में कार्यरत अमले की समुचित जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

मंत्री पटेल ने ग्रामीण क्षेत्रों के अच्छे उत्पादों की विकासखण्ड स्तर पर मॉनिटरिंग संबंधी व्यवस्था की पड़ताल की। उन्होंने इन उत्पादों की पहचान के साथ उनकी बिक्री संबंधी व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी चाही। बैठक में पेसा एक्ट, 15वें वित्त आयोग, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, गौशाला, खेल मैदान और पंचायत राज पोर्टल को सशक्त बनाने संबंधी निर्देश भी दिये गये।

 

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