मालदीव। मालदीव सरकार ने चीनी जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 के प्रवेश को मंजूरी दे दी है। यह जहाज मालदीव के समुद्री सीमा क्षेत्र में आ सकता है। इस ग‎तिवि‎धि को भारत के खिलाफ देखा जा रहा है। ‎मिली जानकारी के अनुसार मालदीव सरकार ने चीनी अनुसंधान पोत जियांग यांग होंग 03 को समुद्री सीमा क्षेत्र में आने की अनुमति दी है। मालदीव की ओर से कहा गया कि जहाज मालदीव के जल क्षेत्र में कोई अनुसंधान नहीं करेगा। हालां‎कि जहाज के रोटेशन के लिए चीन सरकार की ओर से मंजूरी मांगी गई थी। वहीं मालदीव सरकार के बयान के मुताबिक मालदीव हमेशा मित्र देशों के जहाजों के लिए एक स्वागतयोग्य जगह रहा है और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बंदरगाह पर जाने वाले नागरिक और सैन्य दोनों जहाजों की मेजबानी करता रहा है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि इस तरह का फैसला मालदीव और साझेदार देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाता है और मित्र देशों के जहाजों का स्वागत करने की सदियों पुरानी परंपरा को भी दर्शाता है।

हालां‎कि मित्र देशों के जहाजों का स्वागत वाले बयान को भारत पर सीधे हमले के तौर पर देखा जा रहा है, जबकि माले के नई दिल्ली से हटकर बीजिंग की ओर बढ़ने के सबूत के रूप में माना जा रहा है। चीन का यह कदम हिंद महासागर क्षेत्र या आईओआर में एक संभावित महत्वपूर्ण भूराजनीतिक और सैन्य बदलाव है। वैसे, इस जहाज को सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर के तल की मैपिंग करने वाले जासूसी जहाज के रूप में देखा जाता है। बताया जा रहा है ‎कि यह जहाज फरवरी महीने की शुरुआत में मालदीव की राजधानी माले पहुंचेगा। 4,300 टन वजनी जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर के तल की मैपिंग अनुसंधान जहाज के रूप में जाना जाता है। यह अनुसंधान अभ्यास मूल्यवान डेटा प्रदान कर सकते हैं जो पानी के नीचे भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं। मैपिंग चीन को भविष्य में पनडुब्बियों और सबमर्सिबल ड्रोन का उपयोग करने में भी सक्षम बनाती है।

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