अयोध्या। हर भारतीय भगवान राम के दर्शन को आतुर है। इसका मतलब ये नहीं है कि प्रशासनिक व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया जाए। सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन करेंगे तो सभी को आसानी से दर्शन होंगे। वहां लगातार अपील की जा रही है कि बुजुर्ग और दिव्यांगजन दो हफ्ते बाद दर्शन करें। इससे बिना किसी दिक्कत के दर्शन करना आसान हो जाएगा। रात से ही राममंदिर के बाहर भक्तों की लम्बी लाइनें लगी हैं। प्रशासन का कहना है कि राममंदिर के अंदर और बाहर भीड़ लगातार मौजूद है। सभी को सुगमता से दर्शन मिल सकें इसकी व्यवस्था की जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दिन यानी सोमवार को भारी भीड़ के चलते व्यवस्था लड़खड़ा गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसके बाद अन्य जिलों से अयोध्या जाने वाली बसों का संचालन कुछ देर के लिए रोका गया। कल करीब पांच लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए। बुधवार की सुबह भी अयोध्या से भारी भीड़ की तस्वीरें आ रही हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार खुद व्यवस्था की कमान संभाले नज़र आ रहे हैं। आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने कहा, भीड़ लगातार मौजूद है लेकिन उसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। हम बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों से अपील करते हैं कि वे दो सप्ताह बाद अपनी यात्रा का कार्यक्रम बनाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राममंदिर क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वहीं से माइक पर ही श्रद्धालुओं से व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की और सबको दर्शन कराने के लिए आश्वस्त किया। प्रशासन ने 26 जनवरी तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के अयोध्या आने पर पर रोक लगा दी है। अयोध्या के डीएम के मुताबिक रात 10 बजे तक साढ़े तीन से चार लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में मत्था टेका। सुरक्षा के इंतजामों पर आरएएफ डिप्टी कमांडेंट अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि कल लोगों को जो परेशानी हुई, आज हमने उसे दुरुस्त करने की कोशिश की है। हमारे लगभग 1000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। ये तैनाती आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।
रामलला की एक झलक पाने की चाह में हजारों श्रद्धालु रात से ही मंदिर के मुख्य द्वार और उसके आसपास डटे हैं। सोमवार को भी पट खुलने के पहले ही राममंदिर के बाहर बिड़ला धर्मशाला के सामने वाले गेट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए थे। रामभक्तों की उमड़ती आस्था के बीच परंपरा के विपरीत सुबह 6 बजे से रात दस बजे तक भोग आरती के समय को छोड़कर लगातार दर्शन कराना पड़ा। अत्यधिक भीड़ से बढ़ी बेचैनी के चलते कुछ श्रद्धालु बीमार हो गए। लो ब्लड प्रेशर, बेहोशी, समेत कई अन्य दिक्क्तों से परेशान कुछ लोग अस्पताल पहुंचे। कुछ श्रद्धालुओं को चोट के चलते रेफर भी करना पड़ा। डीएम नितीश कुमार ने बताया कि रात दस बजे तक करीब चार लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में मत्था टेका। देर शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु लाइन में लगे रहे। रामपथ पर बढ़ते कदमों का क्रम मंदिर के पट बंद होने के बाद भी नहीं थमा। लोग बाहर से ही अपने इष्ट को प्रणाम करते दिखे। सेल्फी लेने वालों की भी कोई कमी नहीं थी। बच्चों से लेकर महिलाएं, बुजुर्ग सभी में गजब का उत्साह दिखा। जय श्रीराम उद्घोष करते रहे।