न्यूयॉर्क। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को साजिश के तहत मारने के अमेरिकी दावों पर वहां की कोर्ट सख्त हो गई है। न्यूयॉर्क की एक अदालत ने अमेरिका की सरकार से दस्तावेजी सबूत मांगे हैं। अदालत ने अमेरिकी सरकार को निखिल गुप्ता के वकीलों द्वारा दायर एक प्रस्ताव का जवाब देने का आदेश दिया है, जिसमें उनके खिलाफ आरोपों से संबंधित दस्तावेजी सबूतों की मांग की गई है। भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिकी अधिकारियों ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

 

 

बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि 52 वर्षीय गुप्ता खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश में शामिल था। पन्नू के पास यूएस और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वहीं परिवार ने पिछले दिनों भारतीय सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा था कि कारोबारी निखिल गुप्ता यात्रा पर चेक गणराज्य गए थे। उन्हें 30 जून को प्राग हवाई अड्डे पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और लगभग 100 दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि गुप्ता की गिरफ्तारी के नियमों के तहत नहीं की गई और इसमें कई अनियमितताएं थीं। इस मामले को लेकर पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने मैनहट्टन की एक संघीय अदालत में दायर एक मुकदमें में दावा किया था कि एक भारतीय अधिकारी पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के साथ काम कर रहा था। न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी ऑलसेन ने कहा है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या के लिए हत्यारे को हायर करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

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