बर्लिन। जर्मनी में भारत जैसा किसान आंदोलन शुरु हो गया है। यहां के किसान सब्सिडी में की गई कटौती से नाराज है। अपनी मांगे मनमाने के लिए
किसान ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। राजधानी बर्लिन समेत देश के दूसरे बड़े शहरों में ट्रैक्टर की लंबी लंबी कतारें नजर आ रही हैं। किसानों ने सड़कों पर जाम लगा दिया है। जिससे आवागमन बाधित हो रही है। किसानों के विरोध प्रदर्शन का असर जर्मनी समेत यूरोप के कई देशों पर पड़ रहा है।
दरअसल देश के किसान सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती से नाराज हैं, जिसके चलते वो सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसानों ने सड़कों पर खाद फैला दी है और ट्रैक्टरों और लॉरियों से सड़कों को जाम कर दिया है। विरोध के कारण फ्रांस, पोलैंड और चेक गणराज्य के साथ जर्मनी की सीमाओं पर भी भारी दिक्कत हो रही है। दूसरे देशों के सा आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
दरअसल पिछले साल दिसंबर में जर्मनी की सरकार ने किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करने का फैसला किया। इस दौरान सरकार ने खेती के लिए इस्तेमाल हो रहे डीजल में टैक्स रिफंड के साथ ही टैक्टर पर दी जारी छूट को खत्म कर दिया। सरकार का मानना है कि इस कटौती से सरकारी पैसे की बचत होगी। इस कटौती से सरकार का मानना है कि वो करीब 90 करोड़ यूरो बचा लेगी। सरकार के इस फैसले से किसानों आक्रोशित हो गए। उन्होंने दिसंबर में ही प्रदर्शन करने का फैसला किया और सड़कों पर उतर आए. तब से लेकर अभी तक आंदोलन जारी है।कड़कड़ाती सर्दी के बीच आंदोलन सड़कों पर डटे हुए हैं। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो उनका आंदोलन और भी तेज हो जाएगा। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को चेतावनी भी दी, और कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए।