नई दिल्‍ली। भारतीय वायु सेना (IAF) ने रविवार को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्‍थापित किया, जब हर्क्‍यूलिस विमान C-130J ने कारगिल हवाई पट्टी पर पहली बार रात में लैंडिंग की. कारगिल की ये हवाई पट्टी चारों ओर से पहाडि़यों से घिरी हुई है. ऐसे में यहां रात के समय किसी विमान की लैंडिंग बेहद मुश्किल थी, लेकिन इस मिशन ने चुनौतीपूर्ण वातावरण में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन किया.

एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय वायु सेना ने खुलासा किया कि कारगिल हवाई पट्टी पर रात में विमान की लैंडिंग के दौरान टेरेन मास्किंग का कार्य किया गया. भारतीय वायुसेना ने कहा कि इस अभ्यास से गरुड़ कमांडो के प्रशिक्षण मिशन में भी मदद मिली. भारतीय सेनाएं अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही हैं.

वायु सेना दिन के अलावा रात में भी भारतीयों सीमाओं पर अपनी चौकसी को बढ़ा रही है. यही वजह रही कि वायुसेना के हर्क्‍यूलिस विमान को पहली बार कारगिल की एयरस्ट्रिप पर रात में उतारने का प्रयास किया गया, जिसमें सफलता भी मिली है.

दरअसल, वायुसेना का यह मिशन उस अभ्‍यास का हिस्‍सा था, जिसमें कमांडोज को आपात समय में जल्‍द से जल्‍द मोर्चों पर भेजा जा सके. वायुसेना ने इस मिशन के दौरान टेरेन मास्किंग तकनीक का इस्‍तेमाल किया. दरअसल, ये एक ऐसी रणनीति है, जिसमें दुश्‍मन के रडार को चकमा देकर विमान अपने लक्ष्‍य तक पहुंचता है.

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