VIVO मनी लॉन्ड्रिंग केस में चीन बोला
नई दिल्ली । भारत में मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रही चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो के मामले में चीन ने भारत से भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया है। चीन ने वीवो के दो अफसरों को कॉन्स्यूलर प्रोटेक्शन और कानूनी मदद देने का भी फैसला किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- इस मामले पर हम करीबी नजर रख रहे हैं। चीन सरकार अपनी सभी कंपनियों के सभी कानूनी हितों की हिफाजत करेगी। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को गिराफ्तार किया था। तीनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अरेस्ट किया गया था। इससे पहले अक्टूबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में चीनी नागरिक गुआंगवेन क्यांग उर्फ एंड्रयू कुआंग, लावा इंटरनेशनल के एमडी हरिओम राय के अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट राजन मलिक और नितिन गर्ग को गिरफ्तार किया था। यानी कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। करीब एक साल पहले एजेंसी ने देशभर में वीवो मोबाइल्स और उसकी 23 एसोसिएट कंपनीज की 48 लोकेशंस पर तलाशी ली थी। मौजूदा कार्रवाई से बेहद चिंतित वीवो के प्रवक्ता ने कहा कि हम अधिकारियों की मौजूदा कार्रवाई से बेहद चिंतित हैं। हाल की गिरफ्तारियां लगातार उत्पीडऩ को दर्शाती हैं और इंडस्ट्री में अनिश्चितता का माहौल पैदा करती हैं। हम इन आरोपों को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी तरीकों का उपयोग करने के लिए दृढ़ हैं। टैक्स बचाने के लिए वीवो ने आधी इनकम चीन भेजी ईडी के अरोपों के मुताबिक, चीन को अवैध रूप से फंड ट्रांसफर करने के मकसद से भारत में 19 कंपनियां बनाई गईं। इसके अलावा आर्थिक मामलों की जांच एजेंसी ने पाया कि वीवो मोबाइल्स इंडिया ने टैक्स बचाने के लिए सेल्स से हुई अपनी इनकम का आधा हिस्सा (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए) चीन में ट्रांसफर किया। इसमें अवैध रूप से 62,476 करोड़ रुपए चीन भेजे गए थे।