नई दिल्ली। कश्मीर में टारगेट किलिंग का एक और मामला सामने आया है. ताजा मामला बारामूला का बताया जा रहा है. यहां आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के एक पूर्व पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी है. मृतक की पहचान मोहम्मद शफी के रूप में की गई है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और सेना ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है. और आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने मोहम्मद शफी की हत्या उस वक्त की जब वह मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे.
बता दें कि कश्मीर में कुछ समय में टारगेंट किलिंग का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले इसी साल मई में आतंकियों ने एक आम नागरिक को निशाना बनाया था. मृतक की पहचान उधमपुर के रहने वाले दीपू के रूप में हुई थी. जानकारी के मुताबिक वह निजी सर्कस में काम करता था. वह किसी काम से सर्कस से बाहर निकला था. तभी आंतिकयों ने उस पर हमला कर दिया, घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. गौरतलब है कि कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया था.
केंद्र ने फैसला किया था कि घाटी में मौजूद अल्पसंख्यकों (कश्मीर में गैर मुस्लिम) को कश्मीर घाटी से बाहर नहीं, बल्कि कश्मीर में ही सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जाएगा. वहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने नॉर्थ ब्लॉक में कई बैठकों के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ब्रीफिंग करते हुए कश्मीर घाटी में बढ़ती हिंसा के लिए फिर से पाकिस्तान को दोषी ठहराया था. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया था कि कश्मीर में हिंसा का स्तर बढ़ गया है, लेकिन यह जिहाद नहीं है. यह कुछ हताश तत्वों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि हिंसा के अपराधी पाकिस्तान में सीमा पार बैठे हैं.