इजरायल को पिछले 2 दिनों में हमास के साथ जंग लड़ते बड़ा झटका लगा है। इन 2 दिनों में हमास के आतंकियों ने इजरायल के 13 सैनिकों को मार दिया है। इससे गाजा में दोबारा हमास के मजबूत होने का संकेत भी मिलने लगा है। वहीं इजरायली सेना के हमले में 2 दिनों में करीब 200 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने भले ही 2 महीनों में गाजा में तांडव मचा दिया हो और हमास का लगभग सफाया कर दिया हो, मगर अभी भी हमास के आतंकियों ने हार नहीं मानी है। पिछले दो दिनों के इजरायल-हमास युद्ध में हमास के आतंकियों ने 13 इजरायली सैनिकों को ढेर कर दिया है। इससे एक बार फिर से हमास आतंकियों के मजबूत होने का संकेत मिलने लगा है। यह भी जाहिर हो रहा है कि हमास की कोई न कोई देश मदद कर रहा है। बता दें कि गाजा पट्टी में शुक्रवार और शनिवार हुए संघर्ष में कम से कम 13 इजराइली सैनिक मारे गए।
इजराइल की सेना ने रविवार को यह जानकारी दी। अक्टूबर के अंत में इजराइल के जमीनी हमले की शुरुआत के बाद से इजराइली सैनिकों की मौत का यह सबसे अधिक आंकड़ा है और एक संकेत है कि हमास कई हफ्तों के भीषण युद्ध के बावजूद अब भी लड़ाई लड़ रहा है। हालांकि, इजराइली सैनिकों की मौत के बढ़ते आंकड़े युद्ध के लिए इजराइली जनता के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कारक बनने की संभावना है। हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया था। युद्ध ने गाजा पट्टी के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया है, 20,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए तथा गाजा की 23 लाख लोगों की आबादी में से लगभग 85 प्रतिशत विस्थापित हो गए।
इजराइल अब भी हमास के शासन और सैन्य क्षमताओं को कुचलने तथा शेष 129 बंदियों को रिहा करने के घोषित लक्ष्यों को मजबूती से पूरा करने में जुटा है। इजराइल के हमले के खिलाफ बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और फलस्तीनियों के मारे जाने तथा अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद यह समर्थन ज्यादातर स्थिर रहा है। सैनिकों की मौत की बढ़ती संख्या उस समर्थन को कमजोर कर सकती है। यहूदी बहुल और अनिवार्य सैन्य सेवा वाले देश इजराइल में सैनिकों की मौत एक संवेदनशील और भावनात्मक विषय है। शुक्रवार और शनिवार को 13 इजराइली सैनिक मध्य और दक्षिणी गाजा में लड़ाई में मारे गए, जो इस बात का संकेत है कि कैसे हमास अब भी आगे बढ़ रहे इजराइली सैनिकों के खिलाफ कड़ा प्रतिरोध कर रहा है, जबकि इजराइल का दावा है कि उसने आतंकवादी समूह को गंभीर झटका दिया है। जमीनी आक्रमण शुरू होने के बाद से मारे गए इजराइली सैनिकों की संख्या 152 हो गई है।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट ने रविवार सुबह कहा कि खान यूनिस में उसके द्वारा संचालित अल-अमल अस्पताल की इमारत के अंदर इजराइली ड्रोन हमले में 13 साल के लड़के की गोली लगने से मौत हो गई। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट ने इस बारे में कोई और विवरण नहीं दिया। इजराइल और फलस्तीन दोनों ओर हताहतों की संख्या बढ़ी है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने फलस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता की शीघ्र आपूर्ति और सभी बंधकों की रिहाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है हालांकि प्रस्ताव में संघर्ष विराम का जिक्र नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बाद यह तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ है कि सहायता वितरण में कैसे और कब तेजी आएगी। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि शुक्रवार को 100 से भी कम ट्रक दाखिल हुए जो युद्ध से पहले के दैनिक औसत 500 से काफी कम है।