जल्द होगा मंत्रिमंडल का गठन
छग में मंत्रिमंडल विस्तार, मप्र की सूची तैयार
-विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में 9 मंत्रियों ने ली शपथ, मंत्रिमंडल में पांच नए और चार पूर्व मंत्रियों को जगह
-ओपी चौधरी, लक्ष्मी और टंकराम पहली बार विधायक बने और मंत्री बनाए गए
नई दिल्ली/भोपाल/रायपुर । मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजों का ऐलान हुए 18 दिन हो चुके हैं। मप्र और छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर और राजस्थान में 15 दिसंबर को नई सरकार का गठन भी हो गया था। तीनों ही राज्यों में सरकार गठन हुए भी एक हफ्ते से अधिक समय हो चुका है। जयपुर, भोपाल और रायपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर भी चला लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो बाकी के दो राज्यों में अब तक मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। नए मंत्रिमंडल की तस्वीर क्या होगी, किसे मंत्री पद मिलेगा, कैसे मंत्री के लिए चेहरों का चयन किया जाएगा? इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। कहा तो ये भी जा रहा है कि जिस तरह से भाजपा ने तीनों राज्यों के चुनाव में जीत के बाद सरकार का चेहरा बदल दिया, नए सीएम दिए, मंत्रिमंडल भी पूरी तरह नया हो सकता है। इसका संकेत शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में देखने को मिल गया है। उधर, मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मंत्रियों की सूची भी तैयार हो गई है, जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल का शुक्रवार को शपथ ग्रहण हो गया। राजभवन में 9 विधायकों को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। साय ने अपने मंत्रिमंडल में पांच नए चेहरे और पूर्ववर्ती रमन कैबिनेट के चार पूर्व मंत्रियों पर दांव खेला है। साथ ही सबसे अधिक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) वर्ग से पांच विधायकों को मंत्री पद देने का निर्णय लिया गया है, जो कि पहली बार मंत्री बने। इनमें कोरबा विधायक लखनलाल देवांगन, मनेंद्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल, रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी, भटगांव विधायक लक्ष्मी राजवाड़े और बलौदाबाजार विधायक टंकराम वर्मा शामिल हैं। पूर्व मंत्रियों में सामान्य वर्ग से रायपुर-दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अनुसूचित जनजाति वर्ग से रामानुजगंज विधायक रामविचार नेताम व नारायणपुर विधायक केदार कश्यप और अनुसूचित जाति से नवागढ़ के विधायक दयालदास बघेल को मंत्री बनाया गया है।
मप्र में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण जल्द
सूत्रों का कहना है कि अब सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार जल्द हो जाएगा। दिल्ली में हुई दिग्गजों की बैठक में मंत्रियों के नामों पर सहमति बन गई है। भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब इससे अधिक विलंब इस काम में नहीं कर सकते हैं, क्योंकि शनिवार से ही सभी सांसद और विधायकों को पीएम नरेंद्र मोदी की संकल्प यात्रा लेकर जनता के बीच भी जाना है। ऐसे में मप्र सरकार की कैबिनेट को अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता है। इसलिए भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार जल्द कर दिया जाए। बहुत संभावना है कि पहले क्रम में तकरीबन 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है, जिसमें अधिकतर को कैबिनेट और कुछ को राज्य मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।
सांसद से विधायक बने नेता बनेंगे मंत्री
सांसद रहते हुए विधानसभा का चुनाव जीतने वाले नेता मंत्री बनाए जा सकते हैं। नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही विधानसभा के अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अब प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, राकेश सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
-छग में 5 विधायक पहली बार मंत्री बने
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत प्रदेश मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों की जगह है। सीएम विष्णुदेव साय और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद 9 मंत्री बनाए गए हैं। अभी एक सदस्य की जगह खाली है। 12 सदस्यीय कैबिनेट में अभी 6 ओबीसी, 3 आदिवासी, 2 सामान्य और 1 एससी हैं। शपथ लेने वालों में पांच विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने। इनमें लक्ष्मी राजवाड़े (नया चेहरा), टंकराम वर्मा (नया चेहरा), ओपी चौधरी (नया चेहरा), श्यामबिहारी जायसवाल( पहले विधायक रहे हैं) और लखनलाल देवांगन (पहले विधायक रह चुके हैं) हैं। 12 लोगों के मंत्रिमंडल में 5 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में मंत्री बनाए गए। इसमें अरुण साव, विजय शर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा और ओपी चौधरी शामिल हैं।
पांच पुराने चेहरे जो विधायक व मंत्री रहे हैं
विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल और केदार कश्यप।