नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के आरोपों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‎कि अगर कोई हमें कोई जानकारी देता है, तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे। अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है। कनाडा मामले पर दो टूक जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में हिंसा का खेल हो रहा है। पीएम मोदी ने खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश के अमेरिका के आरोपों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‎कि भारत विदेश में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों के बारे में गहराई से चिंतित था।’ मी‎डिया को ‎दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ये तत्व डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आरोपों से कनाडा की तरह डिप्लोमेसी भड़क उठेगी। गौरतलब है कि भारत ने लगातार दुनिया का ध्यान चरमपंथी समूहों की ओर आकर्षित ‎किया है, जिससे पश्चिमी शक्तियां काफी नाराज हैं। कनाडा के पीएम ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में संभावित भारतीय एजेंट की भागीदारी का जिक्र किया था।

 

यही वजह रही ‎कि इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच तल्खियां बढ़ने लगीं। भारत ने साल 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा ‎कि इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का स्पष्ट संकेतक है। सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है। पीएम ने भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध पर टिप्पणी करते हुए कहा ‎कि मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित होगा।

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