भारतीय शास्त्रीय संगीत के शीर्षस्थ महोत्सव “तानसेन समारोह” का हुआ विस्तार

संगीतधानी ग्वालियर के साथ बटेश्वर व बेहट में भी होंगी सांगीतिक सभाएं

 

देश-विदेश के सुविख्यात कलाकार आयेंगे सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने

 

ग्वालियर। यूनेस्को द्वारा “सिटी ऑफ म्यूजिक” के रूप में चुनी गई संगीत एवं कला की नगरी ग्वालियर में “तानसेन समारोह” की तैयारियाँ जोरों पर हैं। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियाँ के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ” तानसेन समारोह ” के इस बार अलग ही रंग होंगे। विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह हर साल की तरह भव्यता के साथ तो आयोजित होगा ही, साथ ही इस साल और नए आयाम जोड़े गए हैं। तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधकों अर्थात कलाकारों की सूची जारी कर दी गई है। साथ ही संगीत महफिल के कलाकार भी तय हो गए हैं।

संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाला शास्त्रीय संगीत का यह सालाना महोत्सव शताब्दी वर्ष की दहलीज के नज़दीक पहुँच चुका है। इस बार मुख्य तानसेन समारोह से दो दिन पहले यानि 22 दिसम्बर को संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 स्थानों पर “तानसेन संगीत महफिल” सजेगी, तो एक दिन पहले पूर्व रंग “गमक” का भी आयोजन होगा। समारोह के तहत विशेष सभा – ताल दरबार में 1500 तबला वादक एक साथ बैठकर समवेत रूप से तबला वादन करेंगे। ज्ञात हो इस बार तानसेन समारोह का 99 वां संस्करण है।

राज्य शासन के संस्कृति विभाग के लिए जिला प्रशासन एवम नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवम कला अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल का यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इस बार भी संगीतधानी ग्वालियर में 24 से 28 दिसंबर के बीच हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन के समाधि स्थल पर होने जा रहा है। सुरों के इस समागम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित और ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करने आ रहे हैं। तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को शहर में 15 स्थानों पर “तानसेन संगीत महफिल” और 23 दिसम्बर को पूर्व रंग “गमक” का आयोजन होगा। जिसमें देश और दुनियाभर में सूफियाना गायकी का परचम लहरा रहीं सुश्री रिचा शर्मा सूफियाना कलाम प्रस्तुत करेंगीं।

 

अलंकरण समारोह 24 दिसम्बर को

 

तानसेन समारोह का औपचारिक शुभारंभ 24 दिसंबर को अलंकरण समारोह के साथ होगा। इस दिन सुबह सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 7 बजे अलंकरण समारोह में देश के मूर्धन्य शास्त्रीय गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी। इस बार ग्वालियर दुर्ग पर स्थित राजा मानसिंह तोमर द्वारा बनवाए गए विश्व प्रसिद्ध मानमंदिर महल की थीम पर बने मंच पर बैठकर ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानेसन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।

 

10 संगीत सभाएँ होंगीं

 

तानसेन समारोह में 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 24 दिसंबर को सायंकाल आयोजित होगी। इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 27 दिसम्बर को तानसेन समाधि स्थल के साथ मुरैना जिले के स्रपुसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में भी समानांतर रूप से संगीत सभा सजेगी। 28 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी।

 

ताल दरबार में एक साथ 1500 तबला वादक देंगे प्रस्तुति

 

तानसेन समारोह के तहत 26 दिसम्बर को सायंकाल 4 बजे ग्वालियर किले पर कर्ण महल के बाजू के परिसर में विशेष सभा ताल दरबार का आयोजन होगा। जिसमें 1500 तबला वादकों द्वारा समवेत अर्थात एक साथ प्रस्तुति दी जायेगी।

 

वादी – संवादी में होंगे इनके व्याख्यान

 

समारोह के अंतर्गत राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में दो दिन 26 एवं 27 दिसंबर को अपरान्ह 3 बजे से वादी संवादी कार्यक्रम के तहत आमंत्रित कलाकार प्रदर्शन सह व्याख्यान देंगे। वादी-संवादी में 26 दिसम्बर को पं. रघुनंदन पणशीकर पुणे द्वारा गान सरस्वती किशोरी अमोनकर का योगदान और जयपुर घराना – सोदाहरण व्याख्यान होगा। इसी तरह 27 दिसम्बर को श्री विनय उपाध्याय एवं डॉ. स्नेहा कामरा, श्वेताम्बरा भोपाल द्वारा राग कथा : संगीत के प्रमुख रागों के आत्मपरक विवेचन पर एकाग्र पुस्तक पर सोदाहरण व्याख्यान दिया जायेगा और इंदौर की सुश्री कल्पना झोकरकर द्वारा सप्त सूरन के भेद राग संगीत के अलग-अलग प्रकारों पर सोदाहरण व्याख्यान दिए जायेंगे।

कला प्रदर्शनी एवं रंग संभावना कार्यशाला

तानसेन संगीत समारोह के दौरान 22 व 23 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे से 8 बजे तक जयविलास पैलेस परिसर में कला प्रदर्शनी लगाई जायेगी। तानसेन समारोह स्थल पर 24 से 27 दिसम्बर तक ललित कला प्रदर्शनी भी लगेगी।

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