कीव। यूरोपियन यूनियन की बात है, यूक्रेन को इसकी सदस्यता मिलते-मिलते अब भी बरसों बरस लग जाएंगे। यूक्रेन की आबादी करीब साढ़े चार करोड़ है। भौगोलिक तौर पर अगर देखें तो यूक्रेन यूरोपियन यूनियन के सभी सदस्य देशों से बड़ा है। इस तरह अगर यूक्रेन ईयू से जुड़ता है तो वह यूरोपीय यूनियन का सबसे बड़ा सदस्य देश होगा। यूक्रेन के ईयू में शामिल होने से उसे उसके लिए सदस्य देशों के साथ व्यापार आसान हो जाएगा। साथ ही यूरोप के बाजार में यूक्रेनी सामान, कामगार, सेवा की पहुंच हो पाएगी। लोगों की तनख्वाह और पेंसन में भी भारी इजाफा हो सकता है।
यूरोपियन यूनियन के नेता यूक्रेन को सदस्यता देने वाली प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार हो गए हैं। गुरूवार को इसकी घोषणा की गई। गुरूवार को 27 सदस्य देशों की एक सम्मिट थी, यहीं यूक्रेन के सदस्यता की बातचीत शुरू करने को लेकर सहमति बनी। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने इसको यूक्रेन की जीत कहा है। सदस्यता को लकेर बातचीत तब शुरू हो रही है जब हंगरी और वहां की विक्टर ओरबन की सरकार कीव के ईयू सदस्यता का विरोध कर रहे हैं।
गुरूवार को भी जब यूक्रेन की सदस्यता को लेकर शुरुआती बातचीत पर सहमति बन रही थी, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान सम्मिट रूम में मौजूद नहीं थे। ओरबान ने कहा है कि यूक्रेन को शामिल करने के लिए की जा रही ये कोशिश बहुत बुरा निर्णय है। हंगरी का मानना है कि यूक्रेन अभी यूरोपियन यूनियन की सदस्यता की बातचीत के लिए तैयार नहीं है। इस तरह अगर देखें तो 27 में से 26 देश यूक्रेन के साथ हैं जबकि एक अकेला हंगरी ईयू के फेसले के खिलाफ खड़ा है।