मास्को। राष्ट्रपति पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सी नवलनी के जेल से लापता होने के समाचार मिल रहे हैं। उनके प्रवक्ता ने बताया कि जेल प्रशासन ने वकीलों को उनसे नहीं मिलने दिया और कहा कि वह जेल में नहीं हैं। इसके साथ ही जेल की सूची से भी उनका नाम हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि पुतिन के मुखर आलोचक को पहले भी जान से मारने की कोशिश हो चुकी है। विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी के लापता होने की खबर ने सकते में डाल दिया है। एलेक्सी के प्रवक्ता के मुताबिक, उनके वकीलों ने करीब एक सप्ताह से उनकी आवाज नहीं सुनी है और कैदियों की लिस्ट से भी उनका नाम गायब है। मॉस्को में कैद एलेक्सी को चरमपंथी समुदाय बनाने और उन्हें पोषित करने समेत अन्य अपराधों में दोषी पाए जाने के बाद इसी साल अगस्त में 19 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। नवलनी के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बार-बार प्रयास करने के बावजूद वकील जेल में बंद नेता से नहीं मिल पाए और उन्हें सूचित किया गया है कि वह जेल में नहीं हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर आरोप लगाया कि कैदियों की सूची में एलेक्सी नवलनी का नाम अब नहीं है।
हालांकि वकीलों ने आईके-6 और आईके-7 में जाने की कोशिश की, जहां वह पहले कैद थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि वो अब वहां नहीं हैं और उन्हें नहीं पता कि इस समय एलेक्सी कहां हैं। यारमिश ने एक्स पर लिखा, उन्हें आईके-6 और आईके-7 ने कोई जवाब नहीं दिया। नवलनी बीते छह दिनों से लापता थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ये भी नहीं बताया कि उन्हें कहां ट्रांसफर किया गया था। मीडिया में आई खबर के हवाले से कहा गया कि जेल में बंद रूसी नेता को गंभीर स्वास्थ्य संबंधी घटना का सामना करना पड़ा है। बता दें कि एलेक्सी नवलनी पहले ही धोखाधड़ी और अन्य आरोपों को लेकर 11.5 साल की सजा काट रहे थे, जिन्हें उन्होंने निराधार बताया था। उन्हें आखिरी बार आईके-6 पीनल कॉलोनी में कैद किया गया था।
नवलनी पर 2017 में भी जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उनकी आंख में गंभीर चोटें आईं। साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने की कोशिश की लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वे ऐसा न कर सके। एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था। जुलाई 2019 में उन्हें 30 दिन की जेल हुई थी क्योंकि उन्होंने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। एलेक्सी को साल 2020 में जहर देकर जान से मारने की कोशिश की गई थी। वह फ्लाइट में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिसके बाद फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह कई दिनों तक कोमा में चले गए थे।