भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए मोहन यादव का चयन किए जाने के बाद भाजपा के अन्य कद्दावर नेताओं की भूमिका को लेकर मंथन शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने सुनियोजित तरीके से केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव लडवाया था। इनमें फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह चुनाव हार गए। नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर सम्मानजनक स्थान दे दिया है।

अब राट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधायक प्रहलाद पटेल, पूर्व सांसद और विधायक राकेश सिंह, वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव की भूमिका तय होना बाकी है। गाडरवारा से विधायक बने पूर्व सांसद राव उदयप्रताप सिंह और सीधी से विधायक रीति पाठक को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिस तरह से राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवडा का चयन उप मुख्यमंत्री के लिए किया गया है, उससे कद्दावर नेताओं की आगामी भूमिका क्या होगी इसको लेकर चर्चा स्वाभाविक है।

वहीं गोपाल भार्गव 9 बार के विधायक है। ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल में समायोजित किए जाने पर संशय की स्थिति है। यही स्थिति प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह की भी है। वैसे भी ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री और सामान्य वर्ग से विधानसभा अध्यक्ष तय कर लिए गए है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को फिर लोकसभा चुनाव लडाया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *